
रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी है। माशिमं मूल्यांकन में इस बार कुछ अलग तरह का प्रयोग करने वाली है। स्टेपवाइज मार्किंग सिस्टम में कितनी लाइन लिखने पर कितने अंक देना है इसकी जानकारी मूल्यांकनकर्ताओं को दी जाएगी।
मूल्यांकन में हरबार गलती की शिकायत आती रही है। इसे रोकने के लिए इस बार मशिमं मूल्यांकनकर्ता को अलग तरह से प्रशिक्षण देगा। मूल्यांकनकर्ताओं को मॉडल आंसर के साथ ही स्टेप भी दिया जाएगा। इसमें बिना पढ़े मूल्यांकनकर्ता अंक नहीं दे सकेंगे। कुछ ऐसे फैक्ट अनिवार्य कर दिया जाएगा जिसका आंसर देना छात्र-छात्राओं के लिए बेहद जरूरी होगा।
अभी तब मूल्यांकनकर्ताओं के लिए कोई स्टेप-बाय स्टेप फैक्ट निर्धारित नहीं किया गया था। जिस वजह से मूल्यांकनकर्ता अपनी मर्जी से नंबर दे देते थे। परीक्षार्थियों ने यदि कॉपी में अधिक लिख दिया है तो उसे पढ़े बगैर ही वह नंबर दे देते हैं।
ऐसी गड़बडिय़ों से बचने के लिए माशिमं मूल्याकनकर्ताओं को मॉडल आंसर देने का तय किया है। अब परीक्षाथियों को आवश्यक चार पॉइंट लिखने ही होंगे। यदि यह 4 पॉइंट नहीं आएंगे तो एक पेज आंसर लिखने पर भी अंक नहीं दिया जाएगा।
हालांकि स्टॉपवाइज सिस्टम माशिमं ने पिछले साल से ही लागू कर दिया था लेकिन बेहतर तरीके से प्रशिक्षण नहीं होने इस साल भी माशिमं को तीन बार मेरिट सूची में संशोधन करना पड़ा था। अभी तक बच्चों की ओर से लिखे गए जवाब में लाइन की संख्या देखकर ही मूल्याकनकर्ता नंबर दे रहे थे।
ऐसे में औसत अंक दिया जाता रहा है। औसतन अंक से बेहतर फैक्ट लिखने वाले मेधावी को नुकसान हो रहा था वे कम अंक पाने से निराश रहे थे। पहली बार सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस साल से पुनर्मूल्यांकन कराने के लिए सभी परीक्षार्थियों को अवसर दिया जाएगा। अभी तक नियम यह था कि 80 फ़ीसदी से अधिक अंक पाने वाले और 20 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले परीक्षार्थियों को पुनर्मूल्यांकन कराने की सुविधा नहीं दी जा रही थी। अब सभी को यह सुविधा दी जाएगी इसके लिए मशिमं की वित्त समिति ने भी निर्णय लिया है।
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