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VIDEO : जान जोखिम में डाल स्कूल पहुंचते हैं मासूम बच्चे, वीडियो देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान

शिक्षा हर किसी का मौलिक अधिकार है। लेकिन हमारे देश में आज भी कई ऐसे इलाके हैं, जहां मासूमों को पढ़ाई के लिए हर रोज अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। बुनियादी सुविधाओं से वंचित आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां गांवों को आने-जाने के लिए सडक़ नहीं मिल पा रही है तो कहीं बच्चों को स्कूल से आने-जाने के लिए पतीले या केले के तने का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। अब आप सोचेंगे कि पतीले या केले के तने से कैसे लोग पार हो सकते हैं, वो भी मासूम बच्चे तो… वीडियो जरूर देखिए, वीडियो देखकर आप भी दंग रह जाएंगे!

मीडिया में आ रही रिपोट्र्स के मुताबिक असम राज्य के एक गांव दलगांव में बुनियादी सुविधाओं की इतनी कमी देखी जा रही है कि यहां पर छात्रों को अपने घर से स्कूल तक जाने के लिए सडक़ भी मयस्सर नहीं है। डारंग के दलगांव में स्थित एक प्राथमिक स्कूल के बच्चे अपनी जान हथेली पर रखकर नदी पार करके स्कूल आते-जाते हैं।

उनके गांव में सडक़ की बात तो दूर, जिस नदी से वे हर रोज अपने घर से स्कूल का रास्ता तय करते हैं उस पर एक पुल भी नहीं बनाया गया है। बच्चे केले के तने के सहारे से नदी पार करते हैं और स्कूल पहुंचते हैं।

इसके पहले भी असम से ही इस तरह की खबर आ चुकी है। असम के विश्वनाथ जिले के नाद्वार इलाके के बच्चों को स्कूल जाने के लिए नदी पार करना पड़ता है। उसमें भी नदी पार करने के लिए नाव नहीं है। उन बच्चों जान जोखिम में डालकर खाना बनाने वाले अल्मुनियम के पतीले (तसला) में बैठकर उसी में अपनी किताबों का बैग रखकर हाथ को पतवार की तरह चलाते हुए नदी पार करना होता है।

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