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बाढ़ से बस्तर का आंध्र व उड़ीसा से सडक़ संपर्क टूटा

जगदलपुर। पिछले चार-पांच दिनों से बस्तर में निंरतर हो रही मूसलाधार बारिश से नदी-नालों में उफान के चलते संभाग मुख्यालय का अनेक स्थानों से सडक़ संपर्क विच्छेद हो गया है। सुकमा से उड़ीसा से जोडऩे वाले झापरा पुल पर शबरी नदी का पानी डेंजर लेवल के आसपास बह रहा है। बस्तर से आंध्रप्रदेश को जोडऩे वाले इकलौते राष्ट्रीय राजमार्ग में दुब्बाटोटा गांव के निकट सडक़ के 5फीट ऊपर पानी बहने से आवागमन ठप हो गया है। बीजापुर जिले में दो ग्रामीण एवं मवेशी बह गए हैं।
सूत्रों के अनुसार जगदलपुर-आंध्रप्रदेश मार्ग पर दुब्बाटोटा नाले पर बाढ़ का पानी पुल से एक फीट ऊपर बह रहा है, जिससे पुल के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई है। इधर सुकमा से मलकानगिरी उड़ीसा को जोडऩे मार्ग पर शबरी नदी का पानी झापरा पुल पर डेंजर लेवल से ऊपर बह रहा है, जिससे इस मार्ग पर भी यातायात ठप हो गया है। भारी बारिश से भोपालपटम के पास रालापल्ली और सेंड्रापल्ली गांव के मध्य एकाएक जलभराव से दो ग्रामीण और कई मवेशी बह गए हैं। भोपालपटनम के एसडीएम डीसी बंजारे ने बताया कि लापता ग्रामीणों की पतासाजी के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है।

बीजापुर जिला मुख्यालय का बीती रात से भोपालपटनम से सडक़ संपर्क कट गया है। मद्देड़ से पटनम के बीच नाले में इंद्रावती का रिवर्स वाटर चढ़ गया है। जब तक इंद्रावती का जल स्तर नहीं उतरेगा तब तक संपर्क कटा रहने का अंदेशा है।
इधर दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से कटेकल्याण एवं सुकमा जाने वाले मार्ग पर बाढ़ का पानी पुल के ऊपर बहने से इन मार्गों पर यातायात अवरूद्ध हो गया है। संभाग के कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा एवं बस्तर जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं। इंद्रावती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी के किनारे बसे ग्रामवासियों को प्रशासन द्वारा सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
शहर के निचले हिस्सों संजय बाजार चौक, धरमपुरा मार्ग पर कई स्थानों के अलावा अम्बेडकर वार्ड, भैरमदेव वार्ड, विजय वार्ड, शिवमंदिर वार्ड की सडक़ों में बुरी तरह से पानी भर हुआ है, जिसके चलते सडक़ों पर कीचड़ पसरी हुई है और लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अनेक विद्यालयों में तेज बारिश के कारण जहां पूरे परिसर में पानी ही पानी भरा हुआ है, वहीं स्कूल के कमरों में भी अतिवृष्टि के कारण कमरों तक में पानी ही पानी है, जिसके कारण बच्चों को बैठने तक में असुविधा झेलनी पड़ी। संभागीय मुख्यालय के सबसे बड़े निजी स्कूल निर्मल विद्यालय में पानी ही पानी भरा है।
कोंटा में हालांकि शबरी नदी का पानी खतरे के निशान को नहीं छू पाया है, बावजूद ऐहतियात बरतते हुए कोंटावासियों को सतर्क कर दिया गया है।

मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष 72 घंटो में हुई बारिश ने पिछले दस वर्ष का रिकार्ड तोड़ दिया है। पिछले 48 घंटों में 16 एमएम वर्षा दर्ज कर की गई है। मौसम विज्ञानियों ने आगामी 24 घंटों तक भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है। झमाझम बारिश से तापमान में अत्यधिक गिरावट आई है। बस्तर का तापमान 31 डिग्री से लुढक़कर 22 डि. से. हो गया है। चार दिनों बाद आज सुबह बस्तरवासियों ने सूर्य देवता के दर्शन किए हैं।
उल्लेखनीय है कि दिन भर की बारिश के चलते नगर का व्यवसायिक कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है और सुबह से रात तक दुकानदार व व्यवसायी अपने-अपने दुकान पर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे हैं।

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