रायपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय बस्तर प्रवास पर है। इसके तहत वे प्रदेश के दंतेवाड़ा जिले के हीरानार के फूलसुंदरी जैविक कृषि प्रक्षेत्र में समन्वित कृषि प्रणाली के मॉडल और कड़कनाथ हब का अवलोकन किया। उन्होंने यहां कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गियों का पालन कर रहीं स्वसहायता समूह की महिलाओं से बात कर उनके व्यवसाय और आमदनी के बारे में जानकारी ली। राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, आदिम जाति कल्याण मंत्री केदार कश्यप एवं मुख्य सचिव अजय सिंह ने भी फूलसुंदरी जैविक कृषि प्रक्षेत्र का भ्रमण किया।
राष्ट्रपति श्री कोविद ने माता फूलसुंदरी स्वसहायता समूह की दो महिलाओं आसमती आर्य और भारती लेखामी से बात की। आसमती ने बताया कि पिछले दस माह में कड़कनाथ मुर्गी से उन्हें करीब एक लाख 40 हजार रूपए की कमाई हुई है। उनके समूह में 11 सदस्य हैं। मुर्गीपालन से हुई कमाई से समूह की हर महिला को सात-सात हजार रूपए बांटे गए हैं। शेष रकम व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए उनके समूह के बैंक खाते में जमा है। इसी तरह गौपालक बोमड़ाराम कश्यप ने राष्ट्रपति को बताया कि उनके चारों बच्चे स्कूल जाते हैं। वे पिछले पांच-छह महीनों से यहां जैविक कृषि प्रक्षेत्र में गौपालन कर रहे हैं। राष्टपति ने यहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहानÓ में काम रहीं महिला स्वसहायता समूहों की करीब 300 महिलाओं से चर्चा की। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वे अपने बच्चों की शिक्षा पर खास ध्यान दें। शिक्षा से ही उन्हें जीवन में आगे बढऩे के अच्छे अवसर मिलेंगे। परिवार छोटा होने से बच्चों की अच्छी परिवरिश और शिक्षा में सहूलियत होती है। राष्ट्रपति ने महिला समूहों की मांग पर प्रक्षेत्र के लिए एक बड़े आकार की एलईडी टीवी देने की घोषणा की।
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