मुख्यमंत्री ने किया ‘महिला संसद और महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ, कहा- साइकिल चलाने से डरने वाली बेटियां आज फाइटर प्लेन उड़ा रही

रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि बेटियों को जब भी अवसर मिला, उन्होंने अपनी प्रतिभा और क्षमता को साबित करके दिखाया है। कभी साइकिल चलाने से डरने वाली बेटियां आज फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। मुख्यमंत्री सोमवार को यहां साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में ‘महिला संसद और महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय कार्यशाला’ को संबोधित कर रहे थे। डॉ. सिंह ने कहा – आज 21 वीं सदी में बेटी और बेटे के बीच भेदभाव उचित नहीं है।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा यह आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा प्रकाशित संक्षेपिका ‘सशक्त महिला-सशक्त राष्ट्र’ का विमोचन किया। डॉ. सिंह ने महिला संसद और राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करने और लैंगिक भेदभाव, भ्रूण हत्या तथा दहेज प्रताडऩा जैसी कुरीतियों के खिलाफ जनजागृृति लाने में यह आयोजन सार्थक होगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है और पंचायतीराज व्यवस्था में लगभग 56 प्रतिशत महिलाएं चुनकर आयी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंग अनुपात के मामले में छत्तीसगढ़ देश में चार अग्रणी राज्यों में शामिल है। छत्तीसगढ़ में पिछड़े समझे जाने वाले बस्तर अंचल में यह अनुपात सबसे अधिक है। अपेक्षाकृत शिक्षित और प्रगतिशील समाजों में भ्रूण हत्या, लैंगिक असमानता और दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों का चलन ज्यादा है। कानून के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता से ही इन कुरीतियों को दूर किया जा सकता है। जैसे-जैसे समाज में जागरूकता आ रही है, हर क्षेत्र में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता उभरकर सामने आ रही है। विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने अध्यक्षीय आसंदी से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की जनसंख्या के अनुपात में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उपायों पर जागरूकता लाने का है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस महिला संसद में इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
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