
रायपुर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के नाम से एक पोर्टल बनाया गया है जिसमें छत्तीसगढ़ के हर जिले के सभी थानों में दर्ज हुए मामलों को अब पुलिस अपलोड कर रही है।
छत्तीसगढ़ के किसी भी थाने में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट अब मोबाइल या कंप्यूटर पर देखी जा सकेगी। इसके लिए पुलिस के पोर्टल का इस्तेमाल आपको करना होगा। क्राइम एंड क्रिमनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपना एक वेब पोर्टल तैयार किया है।
अब इस पोर्टल में कोई भी अपने ऊपर दर्ज हुए प्रकरण की सही जानकारी ले सकता है, जिससे उसे न्यायालीन प्रक्रिया में काफी आसानी होगी। इस सिस्टम को लागू कर प्रॉपर तरीके से चलाने के नाम पर छत्तीसगढ़ पुलिस अव्वल है।
रायपुर के तितास बनिक ने 2016 में हाईकोर्ट में एक रिट याचिका प्रस्तुत की थी, जिसमे कहा गया था कि उनके खिलाफ 2016 में रायपुर में एक मामला दर्ज हुआ था। तब उसने थाने से एफआईआर की कॉपी मांगी पर उसे मौखिक रूप से मना कर दिया गया। याचिका में तितास ने कहा कि उसे एफआईआर की सर्टिफाइड कापी मिल जाती तो वह अपने ऊपर दर्ज हुए मामले के बारे में जान पाता और आगे की न्यायालीन प्रक्रिया की सही तैयारी करता।
मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शासन से जवाब तलब किया। उसके बाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के यूथ बार एसोसिएशन के मामले का हवाला देते हुए एक बड़ा आदेश पारित किया कि 24 घण्टे के अंदर एफआईआर की सर्टिफाइड कॉपी को पुलिस एक वेबसाइट में अपलोड करें, जिससे कुछ एफआईआर जैसे की नाबालिगों के साथ दुष्कर्म का मामला, आतंकवादियो से जुड़ा मामला और अन्य को छोड़कर हरेक मामले को पुलिस अपलोड करें।
यदि नहीं है तो छत्तीसगढ़ पुलिस एक वेबसाइट बनाए और एफआईआर को 24 घण्टे के अंदर अपलोड करें ताकि प्रस्तावित अभ्युक्त अपने प्रकरणों की सही जानकारी ले सकें।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के नाम से एक पोर्टल बनाया गया है जिसमे छत्तीसगढ़ के हर जिले के सभी थानों में दर्ज हुए मामलों को अब पुलिस अपलोड कर रही है। इस पोर्टल से अब लोगों को अपने प्रकरणों की सर्टिफाइड कॉपी 24 घण्टों में मिल रही है।
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