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मुंबई संगोष्ठी में बोले प्रदीप शर्मा…छत्तीसगढ़ का नरवा, गरवा, घुरवा, बारी गांधी की सोच का परिणाम…

मुम्बई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि एवं ग्रामीण विकास सलाहकार प्रदीप शर्मा ने देश और दुनिया की ख्याति प्राप्त गांधी वादियों के बीच कहा कि छत्तीसगढ़ का नरवा, गरवा घुरवा, बारी दर्शन गांधी की सोच का परिणाम है, जिसे सरकार पूरा कर रही है।

मुंबई में गांधी की प्रासंगिकता पर 2 दिन की संगोष्ठी हो रही है जिसमें प्रसिद्ध तिब्बत नेता दलाई लामा के प्रधानमंत्री को समडोंग रिंगपोचे, इंग्लैंड के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य भीखूपारेख, आशीष नंदी, मृणालिनी साराभाई, अशोक बाजपेई एवं प्रोफेसर अपूर्वानंद और प्रदीप शर्मा ने सम्बोधित किया।



प्रदीप शर्मा ने विज्ञान को लेकर गांधी की सोच पर अपनी बात रखी। प्रदीप शर्मा ने कहा कि गांधी विज्ञान विरोधी नहीं, बल्कि वैज्ञानिक चेतना संपन्न व्यक्ति थे। उन्होंने उस टेक्नोलॉजी का विरोध किया जो एशियाई देशों को यूरोपीय देशों के उपनिवेश बनाने में मदद कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि विज्ञान स्वयं में विनम्रता है और टेक्नोलॉजी की उद्दंडता का विरोधी भी। उन्होंने बताया कि गांधी ने उस टेक्नोलॉजी का विरोध किया जो प्रारंभिक रूप से युद्ध के लिए निर्मित हुए या युद्ध की संभावनाएं तैयार कर रहे थे। उन्होंने गांव, किसान, कारीगर की टेक्नोलॉजी का विरोध कभी नहीं किया।

प्रदीप शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में चल रहे नरवा गरवा घुरवा बारी उसी गांधीवादी सोच का परिणाम है जिसे नई सरकार पूरा कर रही है।

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