एम।एस।के। प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति ने भारत के वर्ल्ड चैम्पियन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की टी-20 सीरीज के लिए नहीं चुना है।
धोनी को टीम में न चुने जाने पर कई लोगों ने कहा कि चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया, लेकिन चयन समिति के एक सदस्य ने कहा है कि पूर्व कप्तान ने अगले साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप को लेकर टीम चुनने के लिए समिति को समय दिया है।
चयनकर्ता के मुताबिक करेंगे बड़ा फैसला
चयनकर्ता के मुताबिक धोनी ने कहा है कि एक बार जब वह इस बात को लेकर आश्वस्त हो जाएंगे कि टीम का भविष्य सही हाथों में है तो वह अपने करियर पर फैसले ले लेंगे। चयन समिति के एक सदस्य ने कहा कि पूर्व कप्तान को लेकर आए दिन जिस तरह की बातें होती रहती हैं उनको सुनकर हैरानी होती है। चयनकर्ता ने कहा कि धोनी कभी इन तरह की अफवाहों को जवाब नहीं देंगे।
उन्होंने कहा, ‘उनको हटाने का सवाल ही नहीं उठता। बल्कि उन्होंने हमें समय दिया है और टी-20 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए टीम बनाने की आजादी दी है। उनको पता है कि टीम सामाजिक विचारों से पहले आती है। वह इस बात को जानते हैं कि अगर ऋषभ पंत चोटिल हो जाते हैं तो हमारे पास उनका कोई और विकल्प नहीं है, इसलिए धोनी ने टी-20 वर्ल्ड कप तक रुकने का फैसला किया। इस समय उन्हें हटाने का कोई सवाल नहीं है। विंडीज दौरे से पहले भी उन्होंने दो महीने का ब्रेक लिया था।’
धोनी ने दी आजादी
चयनकर्ता से जब पूछा गया कि वर्ल्ड कप-2019 के बाद से धोनी से उनकी बात हुई है क्या? इस पर चयनकर्ता ने कहा, ‘नहीं, हमें मिलना बाकी है और भविष्य के बारे में बात करना बाकी है। इसलिए उन्होंने हमें समय दिया है कि हम भविष्य के लिए अपनी रणनीति बनाएं और अपने विकल्प के बारे में सोचें। अगर पंत चोटिल हो जाते हैं तो धोनी के बाद हमारे पास कोई मजबूत विकल्प नहीं हैं।’
इस बात ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या धोनी एक बल्लेबाज के तौर पर टीम के लिए जरूरी हैं क्योंकि वह जिस तरह के बल्लेबाज हुआ करते थे उस तरह के दिख नहीं रहे हैं। लेकिन चयनकर्ता का मानना कुछ और है। उन्होंने कहा, ‘क्या यह प्रशंसकों की सोच है? टीम प्रबंधन साफ तौर पर जानता है कि वह क्या कर सकते हैं। आज भी, एक फीनिशर के तौर पर हमारे पास उनका विकल्प नहीं है। जो एक भी मैच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला है वो जानता है कि कितना दबाव होता है।’
क्यों टीम इंडिया के लिए जरूरी हैं धोनी?
चयनकर्ता ने कहा, ‘अगर हमारे पास फिनिशर होते तो हम धोनी को ऊपर बल्लेबाजी करने भेजते। वर्ल्ड कप में भी हम जानते थे कि उनका अनुभव अंत में जरूरी होगा जिससे वह पुछल्ले बल्लेबाजों का मार्गदर्शन कर सकते हैं। आलोचकों ने भी इस बात पर सवाल किए थे कि सेमीफाइनल में धोनी नीचे क्यों आए। आपने देखा है कि उन्होंने क्या हासिल किया है।’
उन्होंने कहा, ‘जब किसी ने 350 वनडे और 98 टी-20 मैच खेले हों उन पर टिप्पणी करना बेहद आसान है। उन्होंने अपने करियर में उतने मैच जीते हैं जितने किसी ने शायद अपने जीवन में देखें भी नहीं हों। आज के तकनीक के युग में क्या आपको लगता है कि विपक्षी टीम धोनी के मजबूत और कमजोर पक्ष पर ध्यान नहीं देती हों? ईमानदारी से हमें एक बात मान लेनी चाहिए कि अगर पंत चोटिल हो जाते हैं तो हमारे पास धोनी का विकल्प मौजूद नहीं है।’
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