रायपुर। स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने आज यहां मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सभी जिलों के कलेक्टरों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ), सिविल सर्जनों तथा शासकीय मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं की बैठक ली।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में उन्होंने प्रदेश के सभी शासकीय व निजी अस्पतालों में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुरुप बायो-मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल की व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने सभी कलेक्टरों से इसके लिए स्थापित किए जा रहे उपकरणों और अन्य इंतजामों की जानकारी ली। उन्होंने एनजीटी के दिशा-निर्देशों और मानकों के अनुरूप बायो-मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल सुनिश्चित करने कहा।
स्वास्थ्य सचिव ने नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीकृत सभी सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा बायो-मेडिकल वेस्ट के प्रबंधन हेतु लिए जाने वाले प्राधिकार की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के अस्पतालों द्वारा बायो-मेडिकल वेस्ट की आउटसोर्सिंग एवं बार-कोड सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी से अनुबंध तथा इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की अद्यतन प्रगति की जानकारी ली।
श्रीमती सिंह ने बायो-मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल में लगे मानव संसाधन को समुचित ढंग से प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस काम में लगे लोगों को समय-समय पर हेपेटाइटिस-बी और टिटनेस के टीके लगाने के साथ ही बरती जाने वाली सावधानियों की भी पूरी जानकारी दें।
उन्होंने नर्सिंग होम एक्ट के तहत अस्पतालों के पंजीयन के नवीनीकरण के काम में भी तेजी लाने कहा। स्वास्थ्य सचिव ने मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत दूरांचल हाट-बाजारों में लोगों को नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराने मैदानी अमले द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इसके दायरे में लाने हाट-बाजारों में लगाए जाने वाले क्लिनिकों का युक्तियुक्तकरण करने का सुझाव दिया।
नीरज बंसोड़ ने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना और मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के संचालन के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने सीएमएचओ और सिविल सर्जनों को शासकीय अस्पतालों में मौजूद सुविधाओं की समीक्षा कर मोतियाबिंद, डेंटल और सी-सेक्शन प्रोसीजर की सुविधा को सुदृढ़ करने कहा।
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