
रायपुर। प्रदेश में शराबबंदी के लिए गठित प्रशासनिक समिति की प्रथम बैठक 9 अक्टूबर को सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग निरंजन दास की अध्यक्षता में वाणिज्यिक कर (जीएसटी) भवन, अटल नगर नवा रायपुर में आयोजित हुई।
बैठक में राज्य शासन द्वारा मनोनीत समिति सदस्य एवं विभागीय वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे। समिति के अध्यक्ष एवं सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग निरंजन दास द्वारा समिति को शासन द्वारा निर्धारित किए गए बिन्दुओं की जानकारी दी गई।
जिसमें शराबबंदी लागू करने पर सामाजिक क्षेत्र पर प्रभाव, शराबबंदी लागू करने में आने वाली कठिनाईयां, कानून व्यवस्था की स्थिति में परिवर्तन एवं बदलाव, मुख्य रूप से सम्मिलित थे।
प्रशासनिक समिति की प्रथम बैठक में सभी सदस्यों द्वारा शराबबंदी के लिए अपने-अपने क्षेत्र के अनुभव के संबंध में समिति को अवगत कराया गया। समिति के सदस्य पी.के. शुक्ला द्वारा बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में शराबबंदी लागू करने के पूर्व अन्य राज्यों में जहां शराबबंदी लागू है उन राज्यों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति संबंधी आंकड़ों का संग्रहण किया जाकर समिति द्वारा उस पर विस्तृत चर्चा की जाए।
पद्म श्रीमती फुलबासन बाई द्वारा महिला स्व-सहायता समूह (गुलाबी गैंग) के माध्यम से आम जनमानस एवं समाज को नशामुक्त करने का कार्य किए जाने की बात कही गई। पद्म श्रीमती शमशाद बेगम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिला कमाण्डो (संगठन) द्वारा जनजागरण के कारण बालोद जिले के मदिरा की बिक्री में कमी आई है।
साथ ही उनके संगठन द्वारा आम जनता को जागरूक करने पर व्यपाक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि नशामुक्ति विषय को शिक्षण संस्थाओं के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए।
समिति के सदस्यों द्वारा यह भी सुझाव दिया गया कि शराबबंदी के पूर्व नशे से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार हेतु व्यसनमुक्त केन्द्र स्थापित किए जाए ताकि नशे से होने वाली जनहानि से बचा जा सके।
समिति के सदस्यों द्वारा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, समाज कल्याण विभाग एवं पुलिस विभाग के प्रतिनिधियों को आगामी बैठक में चर्चा के लिए सम्मिलित किए जाने का विचार व्यक्त किया गया।
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