छत्तीसगढ़

शिक्षाकर्मियों का संविलियन नहीं, फिर क्यों मंगाए आवेदन

रायपुर। शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग पर एमपी के मुख्यमत्री शिवराज ने मुहर लगा दी हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार शिक्षाकर्मियों से इस संबंध में बात करने को तैयार नहीं हैं। कोरिया जिला पंचायत सीईओ ने तो साफ कह दिया कि शिक्षाकर्मियों का संविलियन नहीं हो सकता । अब जिला पंचायत सीईओ का आदेश शासन का आदेश तो नहीं समझा जा सकता, लेकिन इस तरह के आदेश से शिक्षाकर्मी काफी आक्रोषित नजर आ रहे हैं। संघ के प्रांताध्यक्ष चंद्रदेव राय ने सवाल पूछा है कि जब जब संविलियन करना ही नहीं तो फिर आवेदन क्यों मंगाए। लोक सुराज अभियान में शिक्षाकर्मियों के संविलियन का भी आवेदन मांगा गया था। जो पूरे प्रदेश से हजारों आवेदन शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर दिये गये। ग्रामीणों से लेकर जनप्रतिनिधि तक शिक्षाकर्मियों के समर्थन में सामने आये और राज्य सरकार के नाम आवेदन दिया। इसी बीच कोरिया जिला पंचायत सीईओ ने एक आवेदन का निराकरण करते हुए अपनी कार्रवाई का विवरण दिया कि पंचायत संचालनालय के पत्र क्रमांक/पंचायत/शिक्षा/2016/110 दिनांक 10.02.2016 के अनुरूप इस प्रकार की मांग पर शासन द्वारा अंतिम रूप से निर्णय लिया जा चुका है कि शिक्षक पंचायत संवर्ग के कर्मचारी नहीं हैं, अपितु वे संबंधित पंचायत के कर्मचारी हैं, इसलिए संविलियन संभव नहीं है। शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर जिला पंचायत सीईओ की तरफ से निराकरण पर अब शिक्षाकर्मी नेताओं ने सवाल उठाया है। शिक्षाकर्मी नेताओं ने कहा कि लोक सुराज में आये आवेदन का पहले परीक्षण किया जाना था। और फिर तीसरे चरण में इसका निराकण होना था। लेकिन जिला पंचायत सीईओ ने गजब की फुर्ती दिखाते हुए पहले चरण में ही निराकण कर दिया और दो साल पुराने शासन के आये जवाब को चस्पा कर दिया।

Back to top button
close