अपने परिवार को सुरक्षित और आसान इलाज कराने छोटे-बड़े सभी लोग बड़े अस्पतालों की दौड़ लगाते हैं। सरकारी अस्पताल का हाल कई जगह तो ठीक है, पर अक्सर सरकारी अस्पताल में लोग इलाज कराने से घबराते हैं। लेकिन जब प्राइवेट अस्पताल में भी लोगों को ज्यादा खर्च के बाद भी इलाज बेहतर ना मिले तो क्या होगा…
कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में स्थित एक निजी अस्पताल का है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, इस निजी अस्पताल में सन्मति नगर की रहने वाली नेहा सारडा को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया था।
परिजनों का कहना है कि पेट में तेज दर्द के बाद नेहा को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन अस्पताल में विशेषज्ञ डॉ. वंदना तिवारी नदारद थी। लिहाजा नर्सों ने महिला की डिलीवरी कराई। इस बीच नर्सों की लापरवाही की वजह से डिलीवरी के बाद नवजात शिशु की मौत हो गई।
परिजनों ने पुलिस से मामले की शिकायत की है। परिजनों ने आरोप लगाया कि नर्स ने थप्पड़ मारकर कहा कि इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया।
जब परिजनों ने डॉक्टर वंदना को बुलाकर ऑपरेशन कर डिलीवरी करने को कहा तो नर्सों ने प्रसूता को चांटे मारे और कहा- इतना क्यों खाया कि बच्चा 4.5 किलो का हो गया।
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