रायपुर। बिहार में चमकी बुखार से 140 बच्चों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर में ऐसा ही मामला सामने आने से हडक़ंप मचा हुआ है। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ में अलर्ट जारी किया है।
स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि हालात न बिगड़े इसलिए ये जरूरी था। वहीं बस्तर में चमकी बुखार से पीडि़त तीन बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भेजी जा रही है।
डॉ. एस.एल. आदिले ने बताया कि पहले रायपुर से टीम जाने वाली थी, लेकिन बस्तर से टीम पहुंचने में कम वक्त लगेगा,इसलिए अब बस्तर से ही 3 सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम भेजी जाएगी।
बस्तर में तीन बच्चे पीडि़त
छत्तीसगढ़ के बस्तर और सीमावर्ती राज्य ओडि़शा के अलावा अन्य स्थानों पर बच्चों के काल के रूप में जाना जाने वाले जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के बाद अब एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) चमकी बुखार बस्तर में फैलने की आशंका है। एईएस के लक्षणों से पीडि़त तीन मासूमों को मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती करवाया गया है।
ऐसा ही बुखार इस समय बिहार में भी फैला है, जिसे चमकी बुखार कहा जा रहा है। बुधवार को बस्तर के चोलनार गांव से मासूम भुवाने नाग (4 साल) को गंभीर अवस्था में मेकॉज में भर्ती करवाया गया है।
इस मासूम की जांच के बाद जो रिपोर्ट आई है, उसमें जेई के अलावा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के लक्षण हैं। मेकाज के शिशु रोग विषेशज्ञ अनुरूप साहू ने बताया कि बच्चे की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
अन्य दो बच्चे कुमार मंडावी (7 साल), इतियासा (3 साल) जो किलेपाल और परपा से आए हैं, उनकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है। पिछले कुछ सालों में बस्तर में जेई से पीडि़त बच्चे इलाज के लिए आ रहे थे, लेकिन इस साल एक्यूट इन्सेफ लाइटिस सिंड्रोम यानी की शिकायत के साथ पहुंच रहे हैं।
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