रायपुर। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से भाजपा लोकसभा चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाह रही हैं। जिसके चलते पूरे 11 लोकसभा सीटों में नए चेहरों पर दांव खेलने का निर्णय लिया हैं। पांच सीटों पर प्रत्याशियों के नाम भी घोषित कर दिए हैं।
लेकिन भाजपा के सीटिंग सांसदों में इस घोषणा के बाद से विद्रोह शुरू हो गया हैं। कुछ दिल्ली में जुटे हैं। वहीं लगातार लंबे समय तक रायपुर लोकसभा सीट पर काबिज सांसद रमेश बैस का टिकट भी काट दिया गया हैं। जिसको लेकर कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी हैं।
बुधवार को इस बात को लेकर कार्यकर्ताओं ने बैस को टिकट नहीं दिए जाने पर उनके निवास पर पार्टी के खिलाफ नाराजगी जताई है। लंबे समय तक राजनीति में पैठ जमाकर बैठने वाले सांसद रमेश बैस भी अपनी सांख बचाने में लगे गए हैं। सूत्रों की माने तो रमेश बैस की मुलाकत दिल्ली में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ होने वाली हैं।
जिसके लिए समय व स्थान भी तय कर लिया गया हैं। वहीं सूत्रों की माने तो वर्षो से फुल के साथ चलने वाले सांसद बैस हाथ थाम सकते हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस भी 11 सीटों पर कब्जा जमाना चाहती हैं। रायपुर लोकसभा सीट को फिलहाल रोका गया हैं। क्योंकि संभावनाएं जताई जा रही है कि सांसद रमेश बैस दिल्ली में भूपेश बघेल के साथ होने वाली बैठक के बाद जल्द ही कांग्रेस प्रवेश कर सकते हैं और रायपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
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