जैश ए मोहम्मद का सरगना और पुलवामा में 40 जवानों की शहादत का जिम्मेदार मसूद अजहर एक बार फिर शिकंजे में आने से बच गया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे ग्लोबल आतंकी घोषित करने की तैयारी थी। लेकिन ऐन मौके पर चीन ने इस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया। चीन के इस रुख पर अमेरिका उसे कड़ी चेतावनी दी है।
सवाल उठता है कि अगर मसूद अजहर ग्लोबल आतंकवादी घोषित हो जाता तो इससे उसकी सेहत पर क्या असर पड़ता। वैश्विक आतंकी घोषित हो जाने के बाद मसूद अजहर पर यह 6 प्रतिबंध लग जाते।
– दुनियाभर के देशों में मसूद अजहर की एंट्री पर बैन लग जाता।
– इसके अलावा मसूद अजहर किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियां नहीं चला पाता।
– संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को मसूद के बैंक अकाउंट्स और प्रॉपर्टी को फ्रीज करना पड़ता।
– मसूद अजहर से संबंधित व्यक्तियों या उसकी संस्थाओं को कोई मदद नहीं मिलती।
– इसके अलावा पाकिस्तान को भी मसूद अजहर के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने पड़ते।
– बैन के बाद पाकिस्तान को मसूद अजहर के टेरर कैंप और उसके मदरसों को भी बंद करना पड़ता।
डूब जाता चीन का निवेश
और इस सबसे बढ़कर। अगर मसूद अजहर का नाम UNSC की ग्लोबल आतंकवादियों वाली लिस्ट में शामिल हो जाता तो पाकिस्तान के FATF की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती। FATF की ग्रे लिस्ट में वो पहले से ही है। FATF में ब्लैकलिस्ट होने के बाद पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध लग जाएंगे, इससे चीन का पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश डूब सकता है।
मसूद अजहर को क्यों बचा रहा है चीन
एक सवाल ये भी है कि आखिर चीन पूरी दुनिया से झगड़ा मोल लेकर मसूद अजहर जैसे आतंकी को बार बार क्यों बचा रहा है। जानकारों की मानें तो इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा यानि CPEC।
भरतीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, CPEC प्रोजेक्ट पीओके, खैबर पख्तूनख्वाह और बलूचिस्तान जैसे कई संवेदनशील इलाकों से गुजरता है, जहां इसका विरोध होता है। जहां मसूद अजहर की चीन से करीबी की वजह से आतंकी संगठन CPEC के निर्माण में रोड़ा नहीं अटकाते।
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