रायपुर। प्रदेश में समाजिक क्षेत्र में युवाओं की रूचि बढऩे लगी हैं। समाज में आकर समाज हित में कार्य करने के लिए युवा वर्ग बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहा हैं। इन दिनों यादव ठेठवार समाज राजिम महासभा का फिजा भी बदला हुआ नजर आ रहा हैं। प्रदेश युवा प्रकोष्ठ की कार्यकरणी भंग होने के बाद से लगातार अध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी शुरू हो गई हैं।
कुछ तो बकायदा प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिए हैं। वहीं इन दिनों महासभा का प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ सुर्खियों में हैं। समाजिक सूत्रों की माने तो प्रंातीय युवा प्रकोष्ठ पंचवर्षीय कार्यकाल पूरा करने की पूर्व ही गुटबाजी का भेट चढ़ गया हैं। दो गुटों में वर्चस्व की लड़ाई के चलते महासभा के पदाधिकारियों को मजबूरी वर्ष प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ को भंग करने का निर्णय लिया गया।
हालांकि पूर्व अध्यक्ष हरनारायण यदु युवाओं को एकजुट करने का अर्थक प्रयास किए लेकिन कहीं न कहीं अन्य पदाधिकारिगण उनकी कार्यशैली से नाराज थे। जिसके चलते लंबे समय तक प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ मतभेदों को बीच चलता रहता रहा।
लेकिन अब महासभा ने युवा प्रकोष्ठ के गठन के लिए चुनाव की तैयारी करने लगी है। जिसके लिए बकायदा 7 लोगों की टीम गठित की गई हैं। लेकिन इस बार महासभा में अध्यक्ष के दावेदारों की फौज खड़े होने लगी हैं। जिनमें सर्वप्रथम हीरा यादव ने प्रांतीयध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की हैं। हीरा वर्तमान में रायपुर राज के अध्यक्ष हैं(युवा प्रकोष्ठ)।
युवा होने के साथ-साथ समाजिक क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ रखने वाले हीरा यादव को प्रांताध्यक्ष के पद पर बैठाया जा सकता हैं। लेकिन वहीं जिला रायपुर राज में महासचिव के पद पर पदस्थ्य उमेश यदु ने भी प्रांताध्यक्ष पद के लिए ताल ठोकी हैं। विगत कुछ वर्षो से समाज में सक्रिय उमेश इस महासभा में भाग्य अजमाने का प्रयास कर रहे हैं।
पत्रकारिता के क्षेत्र में दखल रखने के साथ-साथ शासन-प्रशासन में पकड़ रखने के चलते कुछ युवाओं व समाजिक लोगों के बीच इनकी पकड़ मजबूत हैं या यू कहें एक गुट इन पर पूूरी तरह से मेहरबान हैं। प्रांताध्यक्ष पद के लिए दावेदारों की फौज कितनी भी हो लेकिन समाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों की माने तो इस पद के लिए हीरा और उमेश के बीच ही ठक्कर होगी।
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