रायपुर। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है जेटली का बयान गैर जिम्मेदारी और झूठ, फरेब और धोखे की भाजपा की राजनीति का जीता जागता सबूत है। भाजपा सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से बचने का उपक्रम इस हद तक हावी है कि वित्त मंत्री गृह मामलों पर बयान देते हैं। रक्षा घोटाले पर मोदी का बचाव गृहमंत्री राजनाथ सिंह करते हैं।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर माओवादियों से गठबंधन का निराधार आरोप जनता को गुमराह करने के लिए लगा रहे हैं जो मोदी सरकार के 55 महीने के कार्यकाल में नक्सली मोर्चे पर असफलता को ढकने की बेहद लचर और नाकाम कोशिश मात्र हैं।
उन्होंने कहा कि अरुण जेटली केंद्रीय वित्तमंत्री हैं। ऐसे नकारा बेमानी आरोप लगाने के पहले अरूण जेटली बताए कि नक्सल प्रभावित राज्य को कम पैसा और कम नक्सल प्रभावित राज्य को ज्यादा पैसा अरुण जेटली ने किस आधार पर दिया वह देश को बताएं?
उत्तर प्रदेश में कोई भी जिला गहन नक्सली हिंसा से प्रभावित नहीं है और न ही पिछले चार वर्षों में वहां कोई गंभीर वारदात हुई है लेकिन वर्ष 2014 से 2018 के बीच उत्तर प्रदेश के नक्सली हिंसा ने निपटने के लिए 349.21 करोड़ की राशि दी गई जबकि इसी अवधि में छत्तीसगढ़ को सिफऱ् 53.71 करोड़ की राशि दी गई।
जबकि छत्तीसगढ़ देश का सर्वाधिक नक्सल प्रभावित प्रदेश है और कई जिले गहन नक्सली गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। छत्तीसगढ़ माओवादी हिंसा और सर्वाधिक माओवाद प्रभावित क्षेत्र के लिए पूरे देश में बदनाम है। गृहमंत्रालय के वर्ष 2012 से 2017 तक के आंकड़े बताते हंै कि सबसे अधिक नक्सली हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या पिछले छह सालों में सबसे अधिक 2017 में रही है।
वर्ष 2012 में 109, 2013 में 111, 2014 में 112, 2015 में 101, 2016 में 107 और 2017 में 130 जानें गई हैं। वर्ष 2017 में 2015 और 16 की तुलना में सर्वाधिक सुरक्षाकर्मियों की जानें भी गईं। 2015 और 16 में क्रमश: 48 और 38 जवान मारे गए थे लेकिन 2017 में 60 जवानों की मौतें हुईं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि जिस वर्ष छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक नक्सली हिंसा हुई उसी साल पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए जहां उत्तर प्रदेश को 77.16 करोड़ दिए गए वहीं छत्तीसगढ़ को मात्र 11.87 करोड़ की राशि केंद्र से दी गई।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के कांग्रेस और माओवादियों से संबंध के आरोप के बारे में कांग्रेस ने कहा है कि देश में माओवाद का सबसे बड़ा शिकार कांग्रेस हुई है और वह लगातार न्याय की गुहार लगाती रही है। भाजपा की सरकारें हमारे ज़ख्मों पर मरहम तो लगा नहीं सकीं, अब जेटली उल्टे ज़ख्मों को कुरेदकर उस पर नमक मिर्च लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि भाजपा की करारी हार रमन सरकार के गलत कामों, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और बड़ी-बड़ी गड़बडिय़ों की वजह से हुई। हार के कारणों की समीक्षा बैठकों में लड़ते झगड़ते भाजपाई पत्रकारों से दुव्र्यवहार कर रहे हैं।
पत्रकारों पर हमला कर रहे हैं, उनको पीट रहे हैं। जब कुछ न सूझा तो बेसिरपैर और अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। सर्वाधिक दुख और पीड़ा की बात है, इसे झूठे आरोप लगाने के लिये भाजपा के वित्तमंत्री सामने आये है।
कांग्रेस ने तो माओवाद के दंश को झेला है। कांग्रेस नेताओं की पूरी पीढी माओवादियों के हमले में शहीद हुई। उस माओवादी हमले में हुयी जो ठीक उसी जगह हुआ यहां रमन सिंह की सरकार ने पुलिस सुरक्षा हटा ली थी।
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