
रायपुर। भाजपा की निवर्तमान मंत्रियो और चन्द आला अफसरों के बंगलो में दस्तावेजो को जलाये जाने का काम आज भी निरंतर जारी रहा है। लगातार बड़े ही पैमाने पर फाईले जलाने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी ने पूछा है
कि नयी सरकार के कार्यभार सम्हालने के पहले शासकीय दस्तावेजों को जलाया जाना बड़ी एवं गंभीर गड़बडियों को छिपाने की साजिश है। यदि ये फाइले अनावश्यक थी तो इन फाइलो को नष्ट करने का फैसले लेने के लिये आने वाली सरकार का इंतजार करना था। सरकारी फाइल जलाने का निर्णय वो लोग कैसे कर सकते है,
जिन पर छत्तीसगढ़ की जनता ने अविश्वास व्यक्त किया है। त्रिवेदी ने पूछा है कि जो फाईले इतनी महत्वपूर्ण थी कि उनको सहेजकर रखा गया वह अचानक अनावश्यक कैसे हो गयी? जिस हड़बड़ी में अनुपयोगी कह कर महत्वपूर्ण दस्तावेजो को जलाया जा रहा है, उससे स्पष्ट हो रहा है कि दाल में कुछ न कुछ काला है। सरकार बदलते ही दस्तावेजों को जलाने की इतनी हड़बड़ी क्यो मच गयी है? इन दस्तावेजो में जरूर कुछ न कुछ ऐसा था जिसके सबूत नष्ट करने में मंत्री और अधिकारी जुटे हुये है?