वल्र्ड कप 2011 जीताने में अहम भूमिका निभाने वाले क्रिकेटर मुनाफ ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से संन्यास का ऐलान कर दिया है। मुनाफ पटेल भारत के लिए आखिरी बार 2011 में इंटरनेशनल क्रिकेट खेला था। इसके बाद से खराब फिटनेस की वजह से वो टीम से बाहर हो गए थे और फिर टीम में वापसी नहीं कर पाए।
मुनाफ का जन्म गुजरात के भरूच जिले के इकहर गांव में 12 जुलाई 1983 को हुआ। मुनाफ ने इंग्लैंड के खिलाफ मार्च 2006 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। मुनाफ ने अपने पहले ही मैच में 97 रन देकर सात विकेट लिए थे और अपनी रफ्तार से सनसनी मचा दी थी। अपने करियर की शुरुआत में मुनाफ 145 से अधिक की स्पीड से गेंद डालते थे।
मुनाफ ने 2011 वल्र्ड कप में जहीर खान और युवराज सिंह के बाद सबसे ज्यादा 11 विकेट लिए थे। इसमें सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी परफॉर्मेंस को आज भी याद किया जाता है। इस मैच में उन्होंने 40 रन देकर दो विकेट लिए थे।
मुनाफ अब अपना ध्यान क्रिकेट कोचिंग पर लगाना चाहते हैं। इसके अलावा यूएई में होने वाले टी-10 लीग में भी वह हिस्सा लेंगे। मुनाफ ने कहा- मुझे कोई अफसोस नहीं है। मैं जितने भी क्रिकेटर के साथ खेला, उसमें धोनी के अलावा सब रिटायर हो चुके हैं। सबका समय पूरा हो चुका है, गम तब होता जब सब खेल रहे होते और मैं रिटायर होता।
मुनाफ पटेल ने अपना आखिरी टेस्ट जुलाई 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था और आखिरी वनडे उन्होंने 2011 में ही इंग्लैंड के खिलाफ कार्डिफ में खेला था। मुनाफ ने अपना टी-20 इंटरनेशनल डेब्यू जनवरी, 2011 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किया था और उसी साल अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी टी-20 इंटरनेशनल भी खेला था।
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