छत्तीसगढ़ में इस बार अलग होगा सियासी समीकरण, जनता कांग्रेस-BSP बिगड़ सकती है खेल, जानिए MP, राजस्थान, मिजोरम का गुणा-भाग

रायपुर। चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, मिजोरम में चुनाव का ऐलान कर दिया है। तेलंगाना में तारीखों का घोषणा एक हफ्ते बाद की जाएगी। इन राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।
छत्तसीगढ़ में 12 और 20 नवंबर को को मतदान होंगे. जबकि मध्य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को और राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी। नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे। तारीखों की घोषणा होने के बाद अब राजनीतिक गुणा-भाग शुरु हो जाएगा। इन सभी राज्यों में फिलहाल क्या स्थिति है जानते है और क्या गणित बनता है समझते हैं।
छत्तीसगढ़ में राजनीतिक गुणा-भाग
छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। यहां पर भाजपा तीन बार से सत्ता पर काबिज है और चौथी बार भी सरकार बनाने का दावा कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने तो इस बार 65 सीटों का लक्ष्य रखा है।
पिछले चुनाव की बात की जाए तो 2013 के विधानसभा चुनाव भाजपा को 49 सीटें मिली थी। कांग्रेस के खाते में 39 विस सीटें है। वहीं बसपा को एक और एक सीट निर्दलीय के पास है। राज्य में 27 जिले हैं। 90 विस सीटों में से 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं।
छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला राज्य निर्माण के बाद से भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होता रहा है, पहले विधानसभा चुनाव यानी 2003 में राकांपा भी मैदान में थी, लेकिन एक ही विधायक जीता पाई थी। उसके बाद के दो चुनावों में सीधा मुकाबला दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के बीच ही हुआ।
इस बार स्थिति कुछ अलग दिख रही है। कांग्रेस में रहे और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने नई पार्टी जनता कांग्रेस बनाई है। यह क्षेत्रीय पार्टी इस बार जोर मार रही है। जनता कांग्रेस का बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से गठबंधन भी हो चुका है। छत्तीसगढ़ में बीएसपी का कुछ सीटों पर अच्छा वोट बैंक है, इसलिए समीकरण अलग दिख रहे हैं।
इसके बाद ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की भी राज्य में उपस्थिति दिखती है। पार्टी के मुखिया ने राहुल गांधी के साथ मंच साझा किया था और कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार गोंगपा-कांग्रेस के साथ जा सकती है, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। कुछ दिनों पहले गोंगपा के जनता कांग्रेस के साथ जाने की भी चर्चा थी, लेकिन इस पर भी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। इससे संभावना है कि इस बार भी गोंगापा अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी।
एमपी की स्थिति
मध्य प्रदेश में 231 विधानसभा सीटें है, जिनमें से 230 सीटों पर चुनाव होने हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 166, कांग्रेस को 57, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थी। मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला होता है, लेकिन बीएसपी का भी राज्य में कई इलाकों में अच्छा वर्चस्व है। इस बार के चुनाव में इन तीनों पार्टियो के अलावा समाजवादी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मैदान में होगी। एससी-एसटी एक्ट और प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ सपाक्स की अनारक्षित समाज पार्टी ने भी चुनाव लडऩे की घोषणा की है।
राजस्थान की स्थिति
राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 163 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी। बसपा को 3, एनपीपी और अन्य को 9 सीटें मिली थी।
मिजोरम का गुणा-भागा
मिजोरम में 40 विधानसभा सीटे हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में इन 40 सीटों में से कांग्रेस को 34, एमएनएफ को 5 और और एमपीसी को 1 सीट मिली थी। इस बार के चुनाव में बीजेपी भी मैदान में होगी।
तेलंगाना की सियासी समीकरण
तेलंगाना में 119 विधानसभा सीटें हैं। रपिछली बार राज्य के विधानसभा चुनाव 2014 के लोकसभा चुनाव के साथ हुए थे, लेकिन मुख्यमंत्री केसीआर ने समय से पहले विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 119 सीटों में से केसीआर की पार्टी टीआरएस को 90 सीटें मिली थी, जबकि कांग्रेस को 13, एआईएमएआई को 7, बीजेपी को 5, टीडीपी को 3 और सीपीआईएम को एक सीट मिली थी। इस चुनाव में भी ये सभी पार्टियां मैदान में होंगी।