रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री जैन जीतेन्द्र बरलोटा के इस्तीफे से रिक्त हुए स्थान पर प्रभारी अध्यक्ष के रूप में चंदर विधानी के चयन को चेम्बर महामंत्री लालचंद गुलवानी ने वैधानिक बताते हुए कहा है कि कुछ पदाधिकारी अनावश्यक बयानबाजी करते हुए उन्हे गलत बता रहे हैं तथा कोर्ट जाने की बातें सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों में कर रहे है। ऐसे पदाधिकारियों से चेम्बर महामंत्री ने कहा है कि दुष्प्रचार करने के स्थान पर कोर्ट ही चले जाये जहां पर सत्यता सामने आ जाएगी।
श्री गुलवानी के अनुसार अभी श्री बरलोटा का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है वरिष्ठजनों से उनकी चर्चा चल रही है। इसलिए निर्णय होने तक अथवा चुनाव तक प्रभारी अध्यक्ष एक अस्थायी व्यवस्था है, इसके लिए इतनी आपत्ति करने की आवश्यकता नहीं है। श्री चंदर विधानी चुने हुए एवं सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्ष है। चेम्बर के संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार कार्यकारी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को अध्यक्षीय प्रभार संभालने का अधिकार है। तीनों कार्यकारी अध्यक्षों ने कोर कमेटी की बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंदर विधानी को प्रभारी अध्यक्ष बनाने का सुझाव दिया था। श्री विधानी सन् 2000 से लगातार उपाध्यक्ष का चुनाव लड़कर निर्वाचित होते आये है। कोर कमेटी को चेम्बर रिकार्ड देखने पर पता चला कि श्री विधानी सन् 2000 में उपाध्यक्ष थे तब राजेन्द्र जग्गी उस समय मंत्री बने थे अत: श्री विधानी को वरिष्ठ माना गया।
कोर कमेटी शनिवार के दिन जब श्री जैन जीतेन्द्र बरलोटा के प्रतिष्ठान में गयी थी तब उनकी श्री बरलोटा से प्रभारी अध्यक्ष का प्रभार किसे दिया जावे संबंधी चर्चा हुई थी। चर्चा में यह तय हुआ था कि कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद जैन को प्रभार दिया जावे। परंतु बाद में अरविंद जैन ने इस जिम्मेदारी को लेने से मना किया था। गुलवानी ने कहा कि अभी श्री जैन जीतेन्द्र बरलोटा का इस्तीफा विचाराधीन है अत: उसके द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए बनाई गई कोर कमेटी, अन्य समितियां एवं सभी पद वैध है। इस्तीफा स्वीकार होने की स्थिति में सभी समितियों एवं पदों की वैधानिकता के संबंध मेें कानूनविदों से सलाह ली जाएगी।
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