छत्तीसगढ़

बांगो बांध के 5 गेट खोले गए, छोड़ा जा रहा 46 हजार क्यूसेक पानी

कोरबा। चार साल बाद मिनीमाता (हसदेव) बांगो बांध खतरे के निशान पर पहुंच गया था। खतरे को देखते हुए पहले बांगो बांध के तीन गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। इसके बाद भी स्थिति अनियंत्रित होने के खतरे को देखते हुए दो और गेट खोलकर 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसी तरह दर्री डेम के चार गेट खोलकर 19 हजार 817 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिसे लेकर स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया है। आपदा प्रबंधन की टीम द्वारा बांगो सहित निचली बस्तियों के लोगों को पोड़ी शिफ्ट कर दिया गया है।


जानकारी के अनुसार मिनीमाता बांगो बांध संभाग क्रमांक-3 माचाडोली के कार्यपालन अभियंता द्वारा कल दोपहर तक बांध का उपयोगी जल भराव 359.66 मीटर के विरुद्ध 358.50 मीटर कुल 93.06 प्रतिशत जल भराव दर्ज किया गया। सुबह बांगो बांध के तीन गेट को आंशिक रूप से खोलकर 10 हजार क्यूसेक पानी बहाया जा रहा था जो देर शाम 8 बजे के बाद बांगो बांध के 4 गेट खोलकर 29 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकण्ड छोड़ा जाने लगा। शनिवार की सुबह तक 5 गेट खोलकर 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कोरबा व कोरिया जिले में लगातार बारिश के कारण बांगो बांध पूरे ऊफान पर है और जल्द ही खतरे के निशान से ऊपर जल भराव होने की स्थिति में गेट को और खोलकर ज्यादा मात्रा में पानी बहाने की तैयारी की जा रही है। देर शाम पानी की मात्रा बढऩे की स्थिति में जिला प्रशासन के द्वारा बांध व हसदेव नदी के तटवर्ती इलाके में बसे गांवों को खाली कराने की कवायद शुरू कर दी गई थी। मोटर बोट लगाकर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। बरॉज का पानी अल सुबह दर्री बांध तक पहुंचने पर यहां के भी गेट खोलेे जाएंगे। बांगो बांध का पानी दर्री डेम तक पहुंच रहा है। जिसे देखते हुए दर्री डेम के चार गेट खोल दिए गए हैं।

हसदेव बराज से पानी छोड़े जाने की स्थिति में कोरबा जिले के बांगो, लेपरा, नुनिया, कछार, कोनकोना, पोड़ीउपरोड़ा, चर्रा, पाराघाट, छिनमेर, सिरकीकला, केरा, पाथा, सिलीयारीपारा, तिलसाभाटा, हथमल, छिर्रापारा, डग्गुपारा, करमीपारा, जूनापारा, लोरीडांड, टुंगमुड़ा, तिलाईडाड, नवागांव, झोरा, कोरीघाट, पोंड़ीखेहा, डोंगाघाट, धनगांव, लोतलोता, नर्मदा, औरकछार, झााबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ा, जेलगांव, चारपारा, खैरभवना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहडिय़ा, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्गु, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, देवरी, चिचोली, कटबितला, झीका, ढिठोली और बिचौली तथा जांजगीर-चांपा जिले के दो गांव चांपा और देवरी में अधिक खतरे की संभावना है।

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