बलरामपुर। आज शिक्षक दिवस है और इस दिन जगह-जगह शिक्षकों के सम्मान मेें समारोह आयोजित किए गए। प्रदेश के सभी इलाकों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में शिक्षा जगत एक ऐसे शिक्षक को सम्मानित कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है, जिसने विगत 9 सालों से रोजाना 8 किमी की पथरीली पहाडिय़ों को पैदल पार कर बच्चों को बेहतर तालीम दे रहे हैं।
जिले के शंकरगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोठली के आश्रित ग्राम भालूपानी स्थित है जहाँ प्राथमिक शाला तो है पर स्कूल की खुद की बिल्डिंग नही है। इस स्कूल में पदस्थ है गणेश प्रसाद गुप्ता जिनकी पदस्थापना 21 मई 2009 से भालूपानी प्राथमिक शाला में है।
यह सहायक शिक्षक एलबी स्कूल जाने कितनी जद्दोजहद करता है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गणेश प्रसाद सप्ताह के 6 दिन 8 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचविहीन भालूपानी जाता है। भालूपानी घने पहाडिय़ों के ऊपर बसा हुआ है जहाँ 300 से 350 की आबादी निवासरत है और ग्रामीणों की तरह ही गणेश प्रसाद भी तमाम सुख सुविधाओं को दर किनार करते हुए बीहड़ पथरीले रास्ते से होकर आठ किलो मीटर का दूरी तय करता है।
ना तबादले की चाह ना कोई फिक्र, बस शिक्षा का जिक्र…
इस शिक्षक हौसले को सलाम और वह इसलिए कि उनमें बच्चों के भविष्य को लेकर एक अलग ही जुनून है। मूलत: सरगुजा जिले के बोदा निवासी गणेश वर्ष 2009 से शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे है। 42 वर्षीय गणेश कहते है कि उन्हें भालूपानी में शिक्षकीय कार्य करते हुए 9 वर्ष हो गए है।
इतना ही नहीं इस साहसिक गुरूदेव को स्थांतरण की ना तो कोई मोह है और ना ही, किसी बात की चिंता बहरहाल जान हथेली में रखकर बच्चों का भविष्य तराशने वाला ये जौहरी शिक्षक ही नहीं बल्कि उन गुरुजनों के लिए मिसल भी है जो पहुंच मार्ग वाले स्कूल पहुंचने में भी परहेज करते हैं।
दरसल जिले के 21 शिक्षको व 31 सेवानिवृत्त शिक्षकों को जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में आज जिला प्रशासन ने सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत पुष्पा नेताम, रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह, कलेक्टर एचएल नायक, एसडीएम रामानुजगंज विजय के दयाराम, जिला शिक्षा अधिकारी आईपी गुप्ता समेत विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
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