भिलाई। भिलाई में डेंगू का दंश अब दहशत पैदा कर रहा है। भिलाई नगर क्षेत्र में बुधवार व गुरुवार के दरमियानी रात दो बालक व एक युवक की मौत डेंगू से हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि तीनों को ही डेंगू था। जिनकी मौत हुई है, उसमें प्रियंका साढ़े 4 वर्ष, दिनेश दलई 7 साल, टोमेंद्र सेन 21 साल शामिल हैं। इसके पहले शहर में डेंगू से 6 की मौत हो चुकी है। इस तरह अब तक करीब 9 लोगों की जान जा चुकी है। डेंगू की चपेट में आकर अपनी जान गवाने वाला युवक टोमेन्द्र सेन मूलत: बालोद जिले का निवासी है,जो कि मज़दूरी करने भिलाई के ख़ुर्शीपार आया था।
300 मरीज अस्पताल में भर्ती
शहर में डेंगू के अब तक 1000 से मरीज सामने आ चुके हैं। जिनका तीन सौ से ज्यादा अस्पतालों में उपचार चल रहा है। सरकारी की जगह निजी हॉस्पिटलों में डेंगू मरीजों की खासी भीड़ है। मिली जानकारी के अनसुार मृतक खुर्सीपार के दिनेश दलई को तीन दिन पहले सेक्टर-9 हॉस्पिटल में दाखिल किया गया था। जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। खुर्सीपार व छावनी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग दवा वितरण कर रहा है, लेकिन डेंगू के मच्छरों को खत्म करने में विभाग को कामयाबी नहीं मिल रही है।
स्मार्ट सिटी के दावे होते धराशाही
राज्य के सबसे साफ-सुधरे शहरों में से एक ट्वीन सिटी के नाम से प्रसिद्ध भिलाई शहर के लोगों में डेंगू को लेकर भारी दहशत है। खासकर खुर्सीपार इलाके में अब तक हुई लोगों की मौत नगर निगम के स्वच्छता अभियान की दावे का पोल खोलता नजर आ रहा है। सूत्रों की माने तो नगर निगम द्वारा स्वच्छ भारत स्वच्छ शहर अभियान के तहत सिर्फ और सिर्फ शहर में सफाई के नाम पर टेक्स वसूली कर खाना पूर्ति की जाती है।
यहीं नहीं केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण करने आने वाली टीमों को निगम का अमला सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए स्वच्छता का पाठ पढ़ाकर वापस भेज देता है। शहर में जिस प्रकार से डेंगू की दहशत फैली है और लोग इसके चपेट में आ रहे हैं भिलाई शहर के स्मार्ट सिटी बनने के दावे पूरी तरह खोखले नजर आ रहे हैं। यही नहीं वार्ड छह में निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से डेंगू के दहशत से सख्ते में आए लोगों ने धक्कामुक्की भी की। कुल मिलाकर शहर में डेंगू का दंश इस प्रकार फैल चुका है कि लोग दहशत में हैं।
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