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बड़ी खबर : इस छोटी सी वजह के चलते पूरे देश में हो सकती है ‘खाने के नमक’ की कमी…

राजकोट। देश के विभिन्न हिस्सों में जल्द ही खाने के नमक कमी हो सकती है। इसकी वजह गुजरात के कच्छ स्थित गांधीधाम में करीब 8 लाख टन नमक का ढेर लगा होना है। गुजरात में नमक की 20 रिफाइनरी में से 14 गांधीधाम में हैं। नमक का ढेर लगने के पीछे अप्रत्याशित कारण ट्रांसपॉर्ट करने के लिए ट्रेन रैक का उपलब्ध न होना है क्योंकि ज्यादातर रैकों का इस्तेमाल कांडला, मुंद्रा और टुना बंदरगाह से फर्टीलाइजर को ले जाने में किया जा रहा है। करीब 17 लाख टन फर्टीलाइजर इन बंदरगाहों में मौजूद हैं और रोपाई का मौसम करीब आने के कारण उन्हें प्राथमिकता से हटाना जरूरी है।


गांधीधाम में नमक बनाने वालों में से अधिकांश ब्रैंडेडे रिफाइन्ड और आयोडिन युक्त ब्रैंडेड प्रोडक्ट बचते हैं और उन्होंने चिराई स्टेशन पर 300 रैकों की मांग की थी जिसके नजदीक बड़ी संख्या स्मॉल स्केल यूनिट मौजूद हैं।
गुजरात साल्ट रिफाइनरी असोसिएशन के अध्यक्ष बच्चू अहीर ने कहा, हमें हर दिन कम से कम 5 रैकों की जरूरत है, लेकिन हमें रोज 2-3 ही मिल रहे हैं, जो कि व्यापक भंडार को देखते हुए अनुपयुक्त हैं। रैक की कमी खारखोडा, हालवड और सनतालपुर में भी है जहां बड़ी मात्रा में नमक तैयार किया जाता है।
एक-एक किलोग्राम के पैकेट में पैक किया गया नमक ट्रेन के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाता है। रेलवे गांधीधाम से दो तरह के रैकों को संचालित करता है। एक 42 वैगन वाला रैक जो एक साथ 2600 टन नमक ढो सकता है जबकि दूसरा 58 वैगन वाला 4,000 टन नमक ढोता है।
अहीर ने बताया, अगर यह स्थिति बरकरार रही तो देश में नमक का संकट बहुत करीब है। पश्चिम रेलवे के गांधीधाम एरिया के प्रबंधक आदिश पठानिया ने कहा, इस साल फर्टीलाइजर की मांग काफी है और इसलिए उपयुक्त संख्या में रैक नमक ढोने के लिए नहीं दिया गया है। पिछले साल की तुलना में इस बार 8-10 प्रतिशत की कमी आई है।
इधर, नमक निर्माताओं ने जूनियर रेलवे मंत्री राजन गोहैं के सामने इस मुद्दे को उठाया जो कि हमसफर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने गांधीधाम आए थे। (एजेंसी)

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