सरकार ने यह वादा किया था कि 24 जून, 2018 से महिलाएं खुद ड्राइव कर सकेंगी. इसलिए आज से सऊदी अरब में महिलाएं गाड़ी चलाती हुई दिखेंगी
सऊदी अरब में आज (रविवार) का दिन महिलाओं के लिए ऐतिहासिक है। यहां आज से लंबे संघर्ष का सुखद समापन हुआ है। यहां आज से महिलाएं भी वाहन चला सकेंगी। इस नई पहल के लिए देशभर में तैयारियां चल रही हैं। प्रशासन जहां महिला ड्राइवरों के लिए विशेष व्यवस्था करने में जुटा हुआ है, वहीं पुलिस भी कानून व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए महिलाओं को यातायात के नियम सिखाने की कोशिश में हैं। महिला ड्राइवरों की कार पार्किंग के लिए खास गुलाबी रंग के पार्किंग स्थल बनाए हैं। यह भी ध्यान रखा गया है कि महिलाओं के लिए पार्किंग स्थल प्रवेश और निकास द्वार के पास ही हों। एक अनुमान के मुताबिक साल 2020 तक सऊदी अरब में 30 लाख से ज्यादा महिलाएं ड्राइवर होंगी।
28 साल का संघर्ष
-47 महिलाओं ने 1990 में नियम तोड़ते हुए शहर में वाहन चलाए। सभी को गिरफ्तार किया गया।
-सर्वोच्च धार्मिक संस्था ने अध्यादेश लाकर प्रतिबंध को सख्त किया
क्यों सऊदी की महिलाओं को ड्राइविंग करते देख सब हैरान हैं?
बता दें कि सऊदी सरकार ने सरप्राइज के तौर पर बीते 4 जून को ही देश की 10 महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस इशू किया था. तब इन महिलाओं के वीडियोज और फोटोज इंटरनेट पर खूब वायरल हुए थे. लोग सऊदी सरकार की सराहना करते नहीं थक रहे थे.लेकिन ऐसे में जब महिलाएं चांद पर जा रही हैं, ऐवरेस्ट फतह कर रही हैं, सऊदी अरब की महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत भर मिलने से क्यों हंगामा भड़पा है?
ट्रक, मोटरसाइकिल भी चला सकेंगी
महिलाएं सिर्फ कार ही नहीं बल्कि वैन, ट्रक और मोटरसाइकिल भी चला सकेंगी। हालांकि निजी वाहन चलाने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और सार्वजनिक वाहन के लिए 20 साल उम्र होनी चाहिए।
क्यों सऊदी की महिलाओं को नहीं थी ड्राइविंग की इजाजत?
सऊदी में सुन्नी मुसलमानों की बहुलता है. और सुन्नी मुसलमान ख़ुद को सबसे धर्मनिष्ठ और पारंपरिक मानते हैं. ऐसे में वहां रहने वाली महिलाओं पर अलग से एक गार्जियनशीप लॉ लागू हुआ करता था. गार्जियनशीप लॉ यानी ऐसा क़ानून जो महिलाओं को बिना पुरुष (पति,भाई,पिता या बेटे) बाहर निकलने की इजाज़त नहीं देता है. यहां तक की नाचने-गाने से लेकर बास्केट बॉल खेलने, स्टेडियम में मैच देखने, ड्राइव आदी करने की भी इजाज़त नहीं थी.
सऊदी में महिलाओं को अधिकार
–1955 : पहली बार लड़कियों को स्कूल में दाखिला मिला
–1970 : महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय खुला
–2001 : महिलाओं का पहचान पत्र बना
–2005 : जबरन विवाह पर प्रतिबंध लगाया गया
–2009 : पहली बार कोई महिला मंत्री (नौरा अल फायज) बनीं
–2012 : सारा अतर के रूप में पहली किसी सऊदी महिला ने ओलंपिक में हिस्सा लिया
–2013 : चुनिंदा क्षेत्र में महिलाओं को साइकिल व मोटरसाइकिल चलाने की अनुमति दी गई
–2015 : महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला
–2017 : साराह अल सुहामी सऊदी स्टॉक एक्सचेंज की पहली महिला अध्यक्ष बनीं
–2018 : महिलाओं को स्टेडियम में मैच देखने की अनुमति मिली
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