चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। कोरिया जिले के कई शासकीय विभागों की पहचान घोटाले के रूप में हो गयी है। शासन से मिलने वाले विभिन्न योजनाओं की राशि को लेकर जमकर घोटाले किये जा रहे है जिन पर किसी तरह की न तो जांच हो रही है और न ही कार्यवाही। जिसके चलते घोटाले बाजों के हौसले बढ़े हुए है आये दिन किसी न किसी विभाग में घोटाले पर घोटाले किये जा रहे है। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार व घोटाल जल संसाधन विभाग में किये जाते है। जल संसाधन विभाग के पास हर कार्यो के लिए बडी राशि स्वीकृत की जाती है जो विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों के लिए कमाई का जरिया रहता है।
जलसंसाधन में 153 करोड का डेम घोटाला
कोरिया जिले में जल संसाधन विभाग के द्वारा जिले में नए बांध, एनीकट, नहर निर्माण के नाम पर 153 करोड का बडा घोटाला किया गया, जिसमें बनाए गए सिचाई परियोजनाओं का लाभ आज तक किसानों को नहीं मिला, कहीं डेम है तो नहर नहीं है ज्यादातर योजनाएं आज भी अधूरी पड़ी हुई है। वहीं सरकार ने तत्कालीन कार्यपालन यंत्री यूएस राम और एसडीओ एसएल गुप्ता पर एसीबी ने छापेमार कार्यवाही भी की, परन्तु दोनों पर किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की, इधर, अधिकारियों के बदलने के बाद भी विभाग में घोटाले कम नहीं हुए, सीएसआर की राशि से एक बोर्ड 70 हजार के लगवाए गए है तो विभाग अपना मूल कार्य छोड डीएमएफ से सीसी सडक पुल पुलिया बिना टेंडर के निर्माण में व्यस्त है। प्रशासन जलसंसाधन विभाग पर मेहरबान है।
निर्माण कार्य के नाम पर डीएमएफ में भ्रष्ट्राचार
कोयला खनिज से परिपूर्ण कोरिया जिले में जिला प्रशासन के द्वारा खनिज न्यास की राशि को लेकर जमकर बंदरबांट की जा रही है। प्रशासन के द्वारा खनिज न्यास के नियमों को ताक पर रखकर राशि जारी कर दी जा रही है। वहीं बीते एक साल की जानकारी वेबसाईट पर भी नहीं डाली गई है। डीएमएफ से जारी करने के बाद कार्यो की निगरानी संबंधित विभाग के जिम्मेदारों के द्वारा भी नही किया जाता है। निर्माण कार्य कहां करना है स्वीकृति के दौरान इस बात को भी ध्यान नही रखा जाता कि कार्य स्वीकृत करने के पूर्व स्थल का निरीक्षण किया जाये। दूसरी ओर विभाग अब सिर्फ डीएमएफ के ही कार्यो में लगे हुए है उनके मूल कार्यो और शासन की योजनाओं पर ध्यान ना के बराबर है। दैनिक छत्तीसगढ ने प्रकाशित कर बताया था कि कैलाशपुर ग्राम पंचायत में जहां कोई सडक नही है वहां पुलिया का निर्माण करा दिया गया है। कार्यालय में बैठे बैठे मिले प्रस्ताव व आवेदनों के आधार पर कार्य की स्वीकृति देकर राशि स्वीकृत कर दी जा रही है। इसके बाद निर्माण कार्य भी गुणवत्ता को धत्ता बताते हुए जैसे तैसे करा दिया जा रहा है। जिला प्रशासन के द्वारा 13 सौ से ज्यादा कार्यो के लिए करोडों रूपये खनिज न्यास की निधि जारी की गयी। जबकि मात्र 10 प्रतिशत ही कार्य पूर्ण हो पाए है।
खेल विभाग में लाखों का घोटाला
प्रदेश के खेल मंत्री के जिला कोरिया मुख्यालय बैकुण्ठपुर में बीते वर्ष लाखों खर्च कर जाग युवा जाग नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसकी लागत राशि पहले जितनी तय की गयी थी आयोजन के बाद यह राशि लगभग चार गुना बढकर लगभग एक करोड रूपये तक पहुंच गयी। बताया जाता है कि आयोजन को लेकर विभिन्न प्रकार के बिलों के भुगतान में भारी गडबडी की गयी। सामानों की खरीदी के नाम पर कई गुना ज्यादा बिल बढाकर बनाया गया और राशि निकालने की जुगत शुरू कर दी गयी। इसके अलावा आयोजन में किराये पर लिये सामानों की भुगतान को लेकर भी बडा घपला किया गया। इस दिशा में खबरों का प्रकाशन होने के बाद घोटाले की परत खेल विभाग में परत दर परत खुलती गयी। जिसके बाद कई बिलों के भुगतान करने पर रोक लगा दी गयी थी। बाद में एक साल तक अटके बिलों को चुपचाप निकाल कर बडा घोटाला किया गया है। इसके अलावा जिला पंचायत से भी जाग युवा जाग कार्यक्र्रम के नाम पर सरकारी खजाने के पैसे का जमकर दुरूपयोग किया गया। इतना सब कुछ होने के बाद भी जिला प्रशासन के द्वारा निष्पक्ष जॉच के लिए निर्देश नही दिये गये है और न ही कमेटी बनाई गयी है, बल्कि चेक काटकर व्यापारियों को दे डाले।
मुख्यमंत्री समग्र विकास और विकास योजनाओं में घोटाला
जिला पंचायत से संचालित मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना और छग विकास योजना के तहत बचरापोडी क्षेत्र में जमकर पुल पुलिया का निर्माण एक ही व्यक्ति के द्वारा करवाया जा रहा है, यहां के बैकुंठपुर विधानसभा से लेग 24 ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव कठपुतली बने हुए है। कई शिकायत के बाद भी ना तो जिला पंचायत के सीईओ उनकी सुनने को तैयार है और ना ही कलेक्टर। वहीं इंजीनियरों और जनपद के अधिकारियों की मिलीभगत से सीसी सडक पुल पुलिया मे जमकर भ्रष्टाचार जारी है। घर बैठे मुल्यांकन कर राशि निकाल ली जा रही है। जबकि कई सीसी सडक 6 माह के अंदर उखड चुकी है।
सौदर्यीकरण के नाम पर घोटाला
कलेक्टर कार्यालय के सामने से लेकर कोर्ट परिसर तक पौधारोपण के नाम पर 32 लाख रू स्वीकृति किए गए है, जबकि हर कोई राशि के बंदरबांट को लेकर हतप्रभ है कि सिर्फ थोडा क्रांक्रीट का काम लोहे के एंगल लगाकर पौधा लगाया जाना है। वहीं झुमका में सीएसआर के तहत पार्क को फिर से जीणोद्धार के नाम पर लाखों रू जारी कर दिए गए है, दूसरीे ओर झुमका के बांध के सौदयीकरण को लेकर अलग राशि दी गई है। इसके अलावा एनएच 43 के सौदर्यीकरण के लिए जारी राशी के तहत आज तक पौधारोपण नहीं हो सका है, अब जाकर लाइट का कार्य जारी है, वह भी तब हो रहा है जब कुछ दिन के बाद सडक के चौड़ीकरण कार्य किया जाना है।
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