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मां की चील-सी तेज नजर ने बचाई बच्चे की जान… नहलाते हुए पीठ पर देख लिया था ‘मौत का निशान’…

दुनिया के हर माता-पिता के लिए उनका बच्चा सबसे कीमती होता है. अगर जन्म के बाद बच्चे को कोई बीमारी (Weird Disease In World) हो जाए, तो माता-पिता दोनों ही उसे बचाने की कोशिश में लग जाते हैं. उसके बाद बच्चे की बीमारी और उसके इलाज में दोनों ही काफी परेशान होते हैं. लेकिन अगर पेरेंट्स जरा सी समझदारी दिखाएं, तो बड़ी समस्या भी आसानी से हल हो जाती है. ऐसी ही समझदारी दिखाई इंग्लैंड के लिवरपूल में रहने वाले विलियम के पेरेंट्स ने. अब 13 साल के हो चुके विलियम की जान उनके मां-बाप की समझदारी के कारण बच गई.

पांच साल की उम्र में जब विलियम को उनकी मां बाथरूम में नहला रही थी, तब उसकी पीठ पर एक निशान देखते ही वो अलर्ट हो गई थी.

इस खुशनसीब बच्चे की मां ने पीठ पर एक गांठ देखी, जो उठी हुई थी. इसे देखते ही विलियम की मां ने अपने पति से बातचीत की और उसे लेकर तुरंत अस्पताल गए. डॉक्टर्स ने जांच में कंफर्म कर दिया कि विलियम को स्कोलियोसिस (Scoliosis) है. इस डिसऑर्डर में रीढ़ की हड्डी मुड़कर टेढ़ी हो जाती है. इसका पता बच्चे के 12 से 13 साल के हो जाने पर पता चलता है. तब तक बच्चे की हालत सुधरना नामुमकिन हो जाता है.

मां की समझदारी से बची जान

विलयम की मां की समझदारी के कारण इस बीमारी का पता काफी पहले पता चल गया. इसके बाद डॉक्टर्स ने उसी समय से विलियम का ट्रीटमेंट शुरू कर दिया. उसे कमर में प्लास्टिक की जैकेट पहनाकर सपोर्ट दिया गया. इसकी वजह से 13 की उम्र तक उसकी रीढ़ की हड्डी काफी कम मुड़ी. अब 16 की उम्र में डॉक्टर्स ने सर्जरी के बाद विलियम के रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह से सीधा कर दिया है. अगर विलियम की मां ने बचपन में समझदारी नहीं दिखाई होती तो आज विलियम इस डिसऑर्डर की वजह से अपाहिज हो गए होते.रात को पहनते थे जैकेट

विलियम की रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करने के लिए वो एक जैकेट पहनते थे. पहले विलियम को लगा कि इसे हमेशा पहनने की वजह से लोग उसका मजाक बनाएंगे. लेकिन डॉक्टर्स ने उसे सिर्फ रात में पहनने की सलाह दी. रात को सोने से पहले विलियम इस जैकेट को पहन लेते थे. सर्जरी के बाद अब विलियम आम बच्चे की तरह जिंदगी बिताने लगे हैं. अपनी इस हालत के लिए विलियम ने अपने पेरेंट्स को थैंक्स कहा.

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