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मुख्य पंडाल की थीम भारत छोड़ो से भारत जोड़ो तक… रजिस्ट्रेशन के लिए लगी भीड़, कपड़े की भी दुकान खुल गई…

कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन देशभर से आए एआईसीसी और पीसीसी डेलीगेट्स के रजिस्ट्रेशन के लिए भीड़ लगी रही। सभी राज्यों के लिए अलग-अलग काउंटर बनाए गए थे। सबसे अधिक तीन काउंटर उत्तरप्रदेश के लिए बनाने पड़े। सुबह से इन काउंटर में चहल-पहल बढ़ गई। वहीं दूसरी ओर बिहार से आए एक कार्यकर्ता ने कुर्ता के कपड़े की दुकान भी खोल ली। 300 रु. प्रति मीटर कपड़ा खरीदने वालों की लंबी कतार भी लगी रही।

नया रायपुर के 100 एकड़ में फैले राज्योत्सव मैदान को पूरी तरह एक्वायर कर कांग्रेस अधिवेशन की पूरी व्यवस्था की गई। बड़े-बड़े डोम में हजारों लोगों की बैठक व्यवस्था, कन्वेंशन सेंटर, सुईट्स इत्यादि….। बाहर से आने वाले कांग्रेस के नेताओं को ये सारी चीजें चौंका रही थीं। छत्तीसगढ़ के बारे में उन्होंने कम से कम इतनी भव्यता की कल्पना नहीं की थी।

अधिवेशन स्थल पर सुबह 10 बजे से कांग्रेस के नेताओं का आना-जाना लगा था। कोई एयरपोर्ट पर अपने नेता को लेने जा रहा था, तो कोई रास्ते में स्वागत सत्कार के लिए ढोल-नगाड़े लेकर खड़ा था। जो भी मेहमान एयरपोर्ट से बाहर निकला, उसे एक ही नज़ारा देखने को मिलता। एयरपोर्ट के बाहर के इंतजार में खड़े लोग, पारंपरिक वेशभूषा, ढोल-नगाड़े और नृत्य से जोरदार स्वागत हो रहा था। दिनभर मेहमानों के आने का सिलसिला चल रहा था।

आज कुछ खास काम नहीं था। गेट नंबर छह पर विभिन्न राज्यों से आए नेताओं के पासेस बन रहे थे। वे यहां आते, पास लेते और थोड़ा इधर-उधर घूमकर चले जाते। इस दौरान कांग्रेस के स्थानीय नेता बाहर के नेताओं का स्वागत करते, उनका मार्गदर्शन करते दिखे। शुक्रवार को ज्यादातर साउथ के नेता दिख रहे थे। एक अजीब सी होड़ थी उनमें भी।

ये सारे के सारे मुख्य मंच पर चढ़कर डायस के पास जाते और इस तरह की मुद्रा बनाते, जैसे वे भाषण दे रहे हों और अपनी तस्वीर खिंचवाते। आप ये कह सकते हैं कि एक मिनट के लिए डायस खाली नहीं रहा, कोई न कोई फोटो खिंचवाता रहा और सामने सारी कुर्सियां खाली थीं। क्योंकि इस मंच का मुख्य कार्यक्रम 25 फरवरी, शनिवार को सुबह 10 बजे से शुरू होने वाला है। लिहाजा, नीचे कोई फूल लगा रहा था, कोई कुर्सी जमा रहा था, कोई चाय पिला रहा था और कोई फोटो खिंचवा रहा था। तैयारियां जमकर चल रही थीं।

अधिवेशन स्थल तक मेले जैसा माहौल
एयरपोर्ट से अधिवेशन स्थल तक के इलाके में मेले जैसा माहौल रहा। लगभग 12 किलोमीटर तक की सड़क के दोनों तरफ स्थानीय और राष्ट्रीय नेताओं के बैनर, पोस्टर और कट आउट लगे हैं। अधिवेशन स्थल पर पीसीसी डेलीगेट्स से लेकर एआईसीसी मेंबर और मीडिया के लिए अलग- अलग गेट बने थे। देश भर से आए नेताओं का स्वागत और मार्गदर्शन के लिए युवा और एनएसयूआई के नेताओं की ड्यूटी लगी थी। वे इन नेताओं को लेकर उनका रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही उनके पास बनवाते नजर आए। स्टीयरिंग कमेटी की बैठक कन्वेशन हॉल में रखी गई थी। स्टीयरिंग कमेटी के सभी सदस्य अपने रूकने के स्थान से सीधे कन्वेशन सेंटर पहुंच रहे थे। वहां सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था थी। इन नेताओं से बात करने के लिए देशभर से आए मीडिया के लोग भी इधर- उधर भागते नजर आए।

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