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पद्मश्री अलंकरणों से सम्मानित हुई छत्तीसगढ़ की ये दो विभूतियां

रायपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार शाम नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी और वरिष्ठ समाज सेवी दामोदर गणेश बापट को पद्मश्री अलंकरणों से सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए श्री चतुर्वेदी और श्री बापट को बधाई और शुभकामनाएं दी है। डॉ. सिंह ने कहा है कि दोनों वरिष्ठजनों को मिले इस राष्ट्रीय सम्मान से सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश का गौरव बढ़ा है।
उल्लेखनीय है कि पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी को साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके सुदीर्घ योगदान के लिए पद्मश्री अलंकरण से नवाजा गया। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष रह चुके श्री चतुर्वेदी वरिष्ठ पत्रकार होने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी भाषा के वरिष्ठ कवि और लेखक भी हैं।

उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से और अपने आलेखों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों की अनेक समस्याओं को उजागर किया है। श्री चतुर्वेदी विगत लगभग पचहत्तर वर्षों से हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा में साहित्य साधन में लगे हुए हैं। कुछ वर्ष पहले उनका छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह ‘पर्रा भर लाई’ और छत्तीसगढ़ी लघु कथाओं का संकलन ‘भोलवा भोलाराम बनिस’ का प्रकाशन हुआ। दोनों संग्रह काफी चर्चित और प्रशंसित हुए। दामोदर गणेश बापट ने छत्तीसगढ़ के चांपा शहर से आठ किलोमीटर दूर ग्राम सोठी में भारतीय कुष्ठ निवारक संघ द्वारा संचालित आश्रम में कुष्ठ पीडि़तों की सेवा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया है। इस कुष्ठ आश्रम की स्थापना सन 1962 में कुष्ठ पीडित श्री सदाशिवराव गोविंदराव कात्रे द्वारा की गई थी, जहां वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता श्री बापट सन 1972 में पहुंचे और कात्रे जी के साथ मिलकर उन्होंने कुष्ठ पीडि़तों के इलाज और उनके सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास के लिए सेवा के अनेक प्रकल्पों की शुरूआत की।

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