जब बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास की बात आती है, तो उसके जीवन के पहले पांच साल बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि उनका दिमाग इस उम्र में अपनी लाइफ में किसी भी समय की तुलना में जल्दी रिश्तों के अनुकूल हो जाता है. शुरुआती सालों (0 से 5 वर्ष) के दौरान बच्चों के लिए सीखने, कल्याण और व्यवहार की नींव निर्धारित की जाती है. ये समय उनमें सामाजिक, भावनात्मक, व्यवहारिक और सोचने की क्षमता विकसित करने में मदद करता है. एक बच्चे का व्यक्तित्व इस बात का प्रतिबिंब (रिफ्लेक्शन) होता है कि शुरुआती सालों के दौरान उनके ब्रेने का आकार कैसा रहा है, क्योंकि ये तब होता है, जब उनका ब्रेन तीव्र गति से डेवलप होता है.
एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को उनकी अधिकतम आनुवंशिक क्षमता (genetic potential) तक पहुंचने के लिए, एक हेल्दी एनवायरमेंट दें. वे ये भी सलाह देते हैं कि पैरेंट्स अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं और उन्हें पढ़ने, खेलने, डांस करने, ड्राइंग जैसी एक्टिविटी में शामिल करें.
पढ़ना और म्यूजिक
पढ़ना और उन्हें संगीत सुनाना आपके बच्चे को शुरुआती सीखने के कौशल विकसित करने में मदद करेगा, जबकि उनके साथ खेलने से उनका मूड अच्छा रहेगा.
डांस करेगा मूड फ्रेश
उन्हें उनकी पसंदीदा धुनों पर डांस कराने से उनका मूड हल्का हो जाएगा. इसी तरह, अपने बच्चों को तनाव मुक्त महसूस करने के लिए उन्हें शारीरिक आराम प्रदान करना भी महत्वपूर्ण है.
हिंदुस्तान टाइम्स लाइफस्टाइल के साथ एक इंटरव्यू के दौरान पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट, डॉ. पूजा कपूर (Dr. Puja Kapoor) ने भी बच्चे के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ सुझाव दिए.
बच्चों को मोबाइल से रखें दूर
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, 2-3 साल की उम्र तक बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2 साल की उम्र से पहले बच्चे में स्क्रीन के संपर्क में आने से बोलने में देरी हो सकती है. ये उनकी सीखने की क्षमता और उनके गुस्से के नखरे पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेगा.
बच्चों को बाहर खेलने भेजें
अपने बच्चों को खेलने के लिए भेजें, ताकि वे दुनिया देख सकें और उनके साथ संवाद कर सकें. ये चीजें उनकी इंद्रियों को उत्तेजित करने में मदद करेंगी.
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