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छत्तीसगढ़: रोजगार की मांग को लेकर भू-विस्थापित किसानों का धरना 57 वें दिन भी जारी…

कुसमुंडा क्षेत्र के भू विस्थापित किसान 31 अक्टूबर को 12 घंटे कुसमुंडा खदान को पूर्ण रूप से बंद करने के बाद रोजगार की मांग को लेकर एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। 1 दिसंबर को 8 घंटे खदान को बंद करने के बाद आंदोलन को बल पूर्वक दबाने के लिए 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

विस्थापितों ने गिरफ्तारी के बाद आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया। गिरफ्तारी के बाद सीएमडी का पुतला फूंका और महिलाओं ने बड़ी संख्या में जी एम दफ्तर को घेरा और लगातार 57 वें दिनों से एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने भारी ठंड में भी धरने पर बैठे हैं।

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं कर रहा है और भू विस्थापितों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन भू विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे।

57 वें दिन चल रहे धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा और दीपक साहू ने कहा कि पूरे देश मे आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर करोड़ो लोगों को विस्थापित किया गया है। अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए भू विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं।

और जब अपने अधिकार की बात भू विस्थापित करते हैं तो एसईसीएल प्रबंधन भू विस्थापित किसानों को दमन का सहारा लेकर जेल भेज कर डराना चाहती है। लेकिन दमन के आगे संघर्ष तेज करने के संकल्प के साथ आंदोलन जारी है। भू विस्थापितों ने कहा कि जमीन का अधिग्रहण जिस समय किया गया उस समय जो पॉलिसी थी उस पॉलिसी के तहत ही किसान जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे हैं।

सरकार को विस्थापितों को ऐसा जीवन प्रदान करना चाहिए जिससे उनको लगे की उन्होंने अपनी जमीन नहीं खोई है। लेकिन सरकार गरीबों की जमीन लेकर गरीबों को जमीन पर लाकर खड़ा कर देती है, तो किसानों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। एसईसीएल प्रबंधन और सरकार सभी भू विस्थापित परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे।

रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप ने कहा कि भू विस्थापित किसानों की मांग पूरी नहीं होने पर 1 जनवरी नए साल के दिन भू विस्थापित किसान कुसमुंडा मुख्यालय के सामने जंगी प्रदर्शन और घेराव करेंगे। जब पूरी दुनिया नए साल का जशन मनाएगी तब कुसमुंडा के भू विस्थापित किसान अपने परिवार के साथ अपनी जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। आज धरना में प्रमुख रूप से प्रशांत झा,जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,राधेश्याम,दामोदर,जय कौशिक,मोहनलाल कौशिक, बजरंग सोनी,रघु,रेशम,सहोरिक,गणेश प्रभु,हरिहर पटेल,पंकज, नरेंद्र, अनिल बिंझवार,हरी केवर्त, राहुनन्दन,दीना नाथ,हेमलाल उपस्थित थे।

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