कोरबा: कोविड नियम का कड़ाई पालन नहीं होने से लोग अब भी संक्रमित हो रहे हैं। टीकाकरण महाभियान के बावजूद जिले में 13 कोरोना संक्रमितों का अतिस्तत्व अब भी बरकरार है। संक्रमितों में छह मरीज कोरबा, पांच कटघोरा और दो करतला विकासखंड हैं। पोड़ी उपरोड़ा व पाली जैसे बड़े विकासखंड भले ही कोरोना मुक्त हो चुके हैं, पर शुरू से ही हाट-स्पाट रहे कटघोरा और कोरबा जैसे शहरी उपनगरीय का संक्रमण मुक्त नहीं होना स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंतनीय है।
जिला प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों में कोविड नियम पालन के शर्त पर शत प्रतिशत सामान्य उपस्थिति की छूट तो दे दी है, लेकिन यहां जिस तरह लोगों का आवागमन हो रहा उसमें कोविड निमय का पालन कहीं नहीं हो रहा। यही वजह है शहरी और उपनगरीय क्षेत्र अभी तक संक्रमण मुक्त नहीं हुआ। कोविड नियम पालन कराने के निमय व्यवायिक प्रतिष्ठानों समाप्त हो चुकी है। जिले के 13 संक्रमित मरीजों में तीन कोविड अस्पताल में दाखिल हैं। शेष 10 मरीज होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
संक्रमण से 884 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के शुरुआती दौर से लेकर अब तक 54423 हो चुके हैं इनमें 53526 स्वस्थ्य हो चुके हैं। संक्रमण कमी मानकर लोग कोविड निमय की अवहेलना कर रहे हैं, जो संक्रमण वापसी के तौर पर कभी भी भारी पड़ सकता है। पोड़ी उपरोड़ा के बाद पाली के संक्रमण मुक्त होने से स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। पहले भी दोनों विकासखं संक्रमण मुक्त हो चुके थे लेकिन कोविड नियम का पालन नहीं होने से यहां फिर से संक्रमण की वापसी हो गई थी। कोविड नियमों की अवहेलना के चलते संक्रमण कभी भी यहां पांव पसार सकता है।
जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरबा और करतला विकासखंड में शत प्रतिशत लोगों को कोविड टीका का पहला डोज लग चुका है। इसके बाद भी यहां संक्रमित मरीजों का मिलना कोविड नियम की उपेक्षा को दर्शाता है। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीबी बोडे का कहना है टीकाकरण कराना प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यक है। उससे भी बढक़र कोविड नियम का पालन जरूरी है। मास्क नहीं लगाना घोर लापरवाही को दर्शाता है। यह ऐसा माध्यम है जो 50 फीसदी संक्रमण मुक्ति की गारंटी देता है। शेष पचास फीसदी स्वच्छ रहने की गारंटी को शारीरिक दूरी नियम, टीकाकण और सैनिटाइज पूरा करता है।
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