पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने इस साल कुछ नए कोर्स खोले। लेकिन छात्रों तक इसकी जानकारी नहीं पहुंची। इस वजह से दाखिले कम हुए हैं। जैमोलॉजी व सिंधी भाषा का पाठ्यक्रम इस साल शुरू हुआ है। इससे कुछ वर्ष पहले रिमोट सेंसिंग से संबंधित कोर्स शुरू हुए। लेकिन इनमें दाखिले को लेकर स्थिति अच्छी नहीं है। जैमोलॉजी में 10 सीटें हैं। लेकिन इसमें अभी तक एक भी छात्र का प्रवेश नहीं हुआ है।
छात्रों ने बताया कि जैमोलॉजी में एडमिशन की इच्छा थी। लेकिन जब पता किया गया तो यहां लैब नहीं है। टीचर नहीं है। तो फिर एडमिशन कैसे लें। जब कुछ प्रैक्टिकल ही नहीं करेंगे तो फिर सीखेंगे क्या। इसलिए प्रवेश नहीं लिया है। इस साल जैमोलॉजी में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। यह एक वर्षीय कोर्स है। गौरतलब है कि रविवि में प्रवेश 30 सितंबर तक होंगे। इसके बाद पता चलेगा कि इस बार कितने छात्रों ने प्रवेश लिया।
छात्र यदि कम होंगे तो इस बार जैमोलॉजी की पढ़ाई शुरू होना मुश्किल है। इसी तरह रिमोट सेंसिंग को लेकर भी छात्रों में उत्साह नहीं है। दो साल पहले यह कोर्स शुरू हुआ था। शिक्षाविदों का कहना है कि रविवि में नए काेर्स शुरू किए जाते हैं, लेकिन छात्रों तक इसकी जानकारी नहीं पहुंचती। इसलिए छात्रों के आवेदन कम रहते हैं। इसलिए रविवि को नए कोर्स की जानकारी अलग से देनी चाहिए। प्रचार-प्रसार होना चाहिए।
निजी काॅलेजाें में कई सीटें खाली
सरकारी कॉलेजों में एडमिशन के लिए पांच-छह बार लिस्ट जारी की जा चुकी है। फिर भी 25 से 30 प्रतिशत सीटें खाली है। इसी तरह प्राइवेट कॉलेजों में भी बड़ी संख्या में सीटें खाली है। इसे लेकर यह निर्देश दिए गए हैं कि कॉलेज अपने स्तर पर प्रवेश दे सकेंगे। 30 सितंबर तक एडमिशन होंगे। इस तारीख के बाद कोई भी कॉलेज एडमिशन नहीं दे पाएंगे।
रविवि में 30 तक होंगे दाखिले
रविवि अध्ययनशाला में संचालित विभिन्न कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। यहां 30 सितंबर तक दाखिले होंगे। पिछले दिनों प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया था। साइंस के अधिकांश कक्षाओं में दाखिले हो चुके हैं, लेकिन आर्ट्स में सीटें अभी खाली है। जो छात्र प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं। वे भी सीटें खाली रहने पर प्रवेश ले सकते हैं।
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