छत्तीसगढ़ की राजधानी में रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे निर्माण के समय अदूरदर्शिता सोच के चलते तैयार सिक्सलेन सांकरा से सिलतरा और चरौदा तक दुर्घटना लाइन बनकर रह गया है।
इससे आए दिन यहां से गुजर रहे छात्र-छात्राओं के साथ हादसे घट रहे है। जिससे तंग आकर बुधवार को सुबह दस बजे ग्राम पंचायत मुरेठी के सैकड़ों छात्र औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा में आंदोलन करने पहुंच गए।
धरसींवा विधायक अनिता शर्मा ने स्थानीय पालक और जनप्रतिनिधियों के साथ रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सिंह से चर्चा की। जहां ठोस आश्वासन मिलने के बाद छात्रों ने फिलहाल तीसरी बार आश्वासन मिलने के बाद प्रदर्शन को समाप्त कर दिया। वही उद्योगपतियों ने विधायक से चर्चा कर कहा कि जब तक कोई उचित व्यवस्था न हो जाये, तब तक बधाों के लिए दो बस की व्यवस्था करने की बात कही है।
आए दिन हो रहे हादसे
आंदोलनरत मुरेठी के छात्रों व पालकों की माने तो मुरेठी केछात्र-छात्राएं पढ़ाई करने स्कूल (सिलतरा) जाते हैं। उन्हें अपनी साइकिल सिक्सलेन के पहले ही सीएसआइडीसी प्रांगण में छोड़कर पैदल जाना पड़ता है। ऐसे में छात्रों को हथेली पर जान रखकर सिक्सलेन करना पड़ता है। जिससे आए दिन कोई न कोई छात्र हादसे का शिकार हो रहा है। जबकि निर्माण कार्य से पहले ही पुराने चौक पर अंडरब्रिज बनाने की मांग की गई थी।
दुर्घटना होने की यह है प्रमुख वजह
सिक्सलेन के निर्माण के समय कई प्रमुख समस्याओं की अनदेखी की गई। स्थानियों की माने तो सांकरा से सिलतरा चरौदा तक सिक्सलेन के दोनों दिशा में औद्योगिक कंपनियां है। यहां कार्य कर रहे हजारों कर्मचारियों का आना-जाना होता है। ऐसे में सांकरा चौक, सिलतरा चौक, सिलतरा पुराना चौक में कही भी सिक्सलेन पर चढ़ने और उतरने की व्यवस्था नहीं है, जिससे सांकरा से सिलतरा तक सर्विस रोड दिनभर व्यस्त रहता है। धनेली से लेकर चरौदा तक न तो अंडरब्रिज है और ना ही सिग्नल है।
सांकरा में भी अंडरब्रिज का निर्माण नहीं किया, उल्टा सांकरा की जहां सीमा समाप्त होती है वहीं पर दुर्घटना पाइंट बना दिया गया। इसी तरह से सर्विस रोड की चौड़ाई तरह से कम होने की वजह से दो वाहनों को आमने-सामने आने पर साइड लेने में भी दिक्क्त होती है। सर्विस रोड़ के दोनों साइड गहरे गड्ढे हैं, जिससे अक्सर दुर्घटना होती है। आंदोलन केदौरान मौके पर जिला पंचायत सदस्य हरिशंकर निषाद,सरपंच हेमंंत वर्मा,युवा मंच के अध्यक्ष मनी राम यादव, सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।
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