किसानों ने समझा पानी की एक-एक बूंद का महत्व

महासमुंद। आने वाले समय में 25 गांवों के 1956 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। जिले के विकासखंड बागबाहरा के कांदाझरी नाले में करीब 15 वर्ष पूर्व दरबेकेरा एनीकट बनाया गया था, जिससे दो गांवों के करीब 60 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती थी। इसके व्यापक कैचमेंट एरिया (जल ग्रहण क्षेत्र) 160 वर्ग किमी को देखते हुए तथा एनीकट में आने वाले जल के और बेहतर उपयोग के लिए करीब तीन वर्ष पूर्व व्यवपर्तन योजना स्वीकृत की गई। इससे अब 25 ग्रामों के 1956 हेक्टेयर (4831 एकड़) में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। वर्तमान में शीर्ष कार्य का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है और इससे यहां संग्रहित होने वाले जल का उपयोग कर किसान वर्तमान रबी मौसम में सरसों, गेहूं, आलू तथा अन्य फसलें ले रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि क्षेत्र के किसानों ने पानी के एक-एक बूंद की बहुमूल्य कीमत को भी समझ लिया है और उन्होंने आपस में मिलकर फैसला किया है कि वे ग्रीष्मकाल में अधिक पानी लेने वाले धान की फसल नहीं लगाएंगे। जब कुछ किसानों ने ग्रीष्मकालीन धान लगाने का प्रयास किया तो शेष किसानों के समझाईश पर उन्होंने अपना विचार बदला और धान की ग्रीष्मकालीन फसल के बजाय अन्य फसल लेने का संकल्प लिया।