छत्तीसगढ़

मंडी में लाखों रूपए का खेल…नियमों की अव्हेलना कर शासन को लगा रहे है चूना…धान तस्कर सक्रिय

रविकांत तिवारी, देवभोग। नियमों को ताक पर रखकर मंडी शुल्क काटकर शासन को लाखों रूपए चूना लगाए जाने का खेल इन दिनों देवभोग में खेला जा रहा है। मंडी शुल्क काटने के लिए नियम-कायदे को भी स्थानीय अधिकारी ताक पर रख रहे है। स्थिति यह है कि स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत और सेटिंग के चलते नियमों को ताक पर रखकर मंडी शुल्क काटे जाने का लंबा खेल-खेला जा रहा है।

बताया गया है कि मंडी शुल्क काटे जाने के लिए जो दस्तावेज होने चाहिए,बिना उस दस्तावेज के भी मंडी शुल्क काटकर गाडिय़ों को रवाना किया जा रहा है। मामले में गोपनीय सूत्रों ने दावा किया है कि स्थानीय मंडी विभाग के अधिकारी धान का काम करने वाले व्यापारियों को संरक्षण दे रहे है,जिसके चलते मनमाने तरीके से मंडी शुल्क काटने का खेल जोरों पर चल रहा है।

मामले में गोपनीय सूत्र की माने तो जल्द ही इस मामले की शिकायत कलेक्टर के पास कर मामले को उजागर करते हुए जिम्मेदार मंडी के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। मामले में गोपनीय सूत्र ने बताया कि मंडी शुल्क काटे जाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि सौदा पत्रक संबंधित व्यापारी द्वारा उपलब्ध करवाया जाए यानि की संबंधित व्यापारी द्वारा बताया जाता है कि उसने धान किससे खरीदा है,यदि किसान और किसी भी व्यक्ति से धान खरीदता है तो उस सौदा पत्रक में किसान का नाम और उसका हस्ताक्षर भी होना चाहिए।



चिन्हांकित ऐसे व्यापारी जो बड़े स्तर पर धान का काम करते है और उस धान को गरियाबंद,नवापारा राजिम के साथ ही देवभोग से बाहर अन्य जगहों पर भेजते है,संबंधित व्यापारियों द्वारा इस दौरान सौदा पत्रक की जानकारी मंडी अधिकारियों को देना होता है,लेकिन बिना सौदा पत्रक की जानकारी दिए बिना ही स्थानीय मंडी के अधिकारियों के साथ तगड़ी सेटिंग के चलते मंडी काट दिया जा रहा है। वहीं खाद्य विभाग और मंडी विभाग के अधिकारी आए दिन देवभोग दौरे पर रहने की बात करते है,दावे किए जाते हैं कि तस्करी के हर गतिविधि और मंडी शुल्क काटे जाने की हर परिस्थितियों पर उनकी नजर है खाद्य विभाग के अधिकारी पिछले एक महीने में चार से पांच बार दौरा करने आ चुके है,लेकिन उन्हें आज तक किसी तरह की कोई सफलता नहीं मिल पाई है.खुद विभाग के जिला स्तर के उच्चाधिकारी भी दो से तीन बार दौरा कर चुके है,लेकिन खाद्य विभाग के द्वारा अब तक किसी भी धान तस्कर को पकडऩे की कार्रवाई नहीं की गई है।

हालांकि अधिकारी दावा करते है कि उड़ीसा सीमा में उनका दौरा रातभर जारी रहता है लेकिन उनके सक्रिय रहने के दावों के बाद भी कार्रवाई शून्य रहना समझ से परे है। इसी तरह का हाल मंडी विभाग के उच्चाधिकारी का भी है। मंडी सचिव प्रदीप शुक्ला का कहना है कि मंडी शुल्क नियम से काटा जा रहा है। चिल्हर खरीदी पे सीधे मंडी शुल्क की रशीद जारी की जा रही है,वहीं बड़ी खरीदी पर सौदा पत्रक जारी किया कर मंडी शुल्क ली जा रही है.वहीं हाट-बाजारों में सीधे मंडी शुल्क की रशीद जारी की जा रही है।

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