
रायपुर। जनता कांग्रेस के सुप्रीमो अजीत जोगी ने गिरौदपुरीधाम में भाजपा और कांग्रेस मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह व कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया सतनामी समाज के साथ किए गए अन्याय पर प्रायश्चित करने के लिए जाते तो शायद बाबा एवं सतनामी समाज उन्हें माफ कर देता, किन्तु सतनामी वोटों को साधने के लिए स्वार्थ सिद्धि के उद्देश्य से हजार बार जाने पर भी उन्हें बाबा या समाज का आर्शीवाद प्राप्त नहीं हो सकता। श्री जोगी ने कहा कि षडयंत्र पूर्वक 2005 की जनगणना को आधार मानकर सतनामी समाज के आरक्षण को 2011 के प्रारंभ में 16 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया। किन्तु 2011 की जनगणना में सतनामी समाज की जनसंख्या बढ़ी तो फिर डॉ. रमनसिंह ने आरक्षण में सुधार क्यों नहीं किया ? डॉ. रमनसिंह की सरकार ने खराब सर्विस रिकार्ड की साजिश रचकर जिन शासकीय सेवकों को जबरिया सेवा निवृति दी उनमें 90 प्रतिशत इन्हीं वर्ग के लोग हैं। बाबा गुरू घासीदास ने शराब सहित अन्य दुर्गुण छोडऩे की सलाह दी तब डॉ. रमनसिंह ने गिरौदपुरीधाम में बाबा की चरण पादुका के पास खड़े होकर क्यों प्रदेश में शराबबंदी घोषणा नहीं की? श्री जोगी ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री पीएल पुनिया जब राष्ट्रीय जाति, जनजाति आयोग के अध्यक्ष थे तब वे स्वयं उन्हें पत्र लिखकर एवं व्यक्तिगत रूप से मिलकर संविधान में संशोधन (अनुसूचित जातियां) आदेश, जिसमें सतनामी समाज को क्रमांक 14 के अन्तर्गत चमार जाति के साथ सतनामी समाज को रखे जाने पर आपत्ति दर्ज करते हुए अन्य क्रम में सम्मिलित करने का निवेदन किया था, किन्तु श्री पुनिया ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया। श्री पुनिया को आज जवाब देना चाहिए कि यदि वे सतनामी समाज के इतने बड़े हितचिन्तक हैं तो आयोग अध्यक्ष रहते हुए सतनामी समाज की इस मांग पर उन्होंने अनुशंसा क्यों नहीं की थी? दूसरी ओर मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह ने भी राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग द्वारा प्रकाशित सूची को संशोधित करने हेतु राज्य सरकार के द्वारा कोई भी प्रस्ताव केन्द्र की सरकार को न भेजकर उसे उसी रूप में लागू कर दिया। अब प्रदेश का सतनामी समाज दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के विरूद्ध अपने स्वाभिमान की लड़ाई जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के साथ मिलकर लड़ेगी।