कोरिया जिले में हाथियों का उत्पात जारी, ग्रामीणों की नींद उड़ी, देखें फोटो

चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। हाथी प्रभावित जिले में से एक कोरिया जिले में हाथियों का उत्पात जारी है। जानकारी के अनुसार गत दिवस हाथियों के दो दल अलग-अलग क्षेत्रों में खडगवां व बैकुण्ठपुर जनपद क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। एक हाथी के दल जो कि गत 8 जुलाई को खडगवां जनपद क्षेत्र के वन ग्राम बहालपुर क्षेत्र के जंगलों में थे जो ग्राम बंजारीडांड की ओर बढ गये। जहां ग्राम बंजारीडांड में हाथियों के दल ने जमकर उत्पात मचाया।
सूत्रों ने बताया कि बंजारीडांड में हाथियों के दल ने 14 ग्रामीणों के घर को तोड़ कर नुकसान पहुंचाया। हाथियों के पहुंचने की खबर के साथ ही गांव के लोग रतजगा करने को मजबूर हो गये। इसी बीच हाथियों के दल विचरण करते हुए ग्रामीणों के घर को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिसके बाद परिवार भयभीत है और सुरक्षित ठिकाने पर चले गये है। क्षेत्र में हाथियों के दल पहुंचने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान बंजारीडांड में ही किया। इसके पूर्व खडगवां जनपद क्षेत्र के ग्राम बारी व आसपास के क्षेत्रों में हाथियों के दल पहुंचे थे। तब एक ग्राम में एक ग्रामीण के घर को नुकसान पहुंचाये थे। हाथियों के दल द्वारा ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंचाये जाने की खबर के साथ ही वन अमला हाथियों को सुरक्षित जंगलों की ओर भगाने की कोशिश में जुटे रहे।
समाचार लिखे जाने तक हाथियों का दल बंजारीडांड क्षेत्र के जंगलों में ही विचरण करते रहे, वहीं दूसरा दल बैकुंठपुर जनपद क्षेत्र के सलका सलबा, रोबो बकिरा क्षेत्र में घूमने की जानकारी है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र के कांदाबारी के जंगलों में प्रतिवर्ष हाथियों का आगमन होता रहता है। फसल के दिनो में क्षेत्र के ग्रामीणों की फसलों को भी जमकर नुकसान पहुंचाते हैं। बहरहाल हाथियों के आगमन की खबर से प्रभावित क्षेत्रों की नींद उड़ गयी है। दिन के साथ रात में भी उन्हें सजग रहना पड रहा है।
सोनहत क्षेत्र में भी हाथियों का उत्पात
जिले के सोनहत जनपद क्षेत्र में भी हाथियों का कहर आये दिन बना रहता है। इसी जनपद क्षेत्र में गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान स्थित है जहां हाथियों की संख्या काफी है। इस पार्क क्षेत्र से निकलकर हाथियों का दल पिछले महीने ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच गया था उस दौरान सोनहत के ग्राम ओदारी में एक ग्रामीण के घर को नुकसान पहुंचाया। जिसके बाद हाथियों का दल जनपद क्षेत्र के केराझरिया, वन ग्राम आनंदपुर, केतकीझरिया के जंगलों से होते हुए नगर क्षेत्र के जंगलों में पहुंचा था।
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