कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में हजारों लोगों को अपनी नौकरी से गाथ धोने की स्थिति पैदा हो गई है। अब तक कई लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं और कई ऐसे हैं जिनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
इस बुरे वक्त में जब कोई नई आशा की किरण नजर नहीं आती तब कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को काम से निकाल रही हैं और ऐसे में सबसे बड़ी चिंता घर खर्च की है। ऐसे बुरे वक्त के लिए कुछ कंपनियां हैं जो आपको Job Insurance Policy ऑफर करती हैं। यह पॉलिसी मुश्किल वक्त में आपकी मदद कर सकती हैं।
क्या है Job Insurance
दरअसल, Job Insurance लेने वालों को नौकरी चले जाने पर घर चलाने और परिवार के जरूरी खर्च मैनेज करने में मदद मिलती है। यह मदद कुछ अवधि के लिए होती है और इसके लिए बीमें की शर्तें पूरी होनी चाहिए। भारत में हालांकि, यह पॉलिसी अलग से नहीं मिलती और मुख्य पॉलिसी के साथ राइडर या एड ऑन कवर की तरह मिलती है।
पॉलिसी के लिए योग्यता
Job Insurance पॉलिसी लेने के लिए आपके पास आय सैलरी के तौर पर होनी चाहिए। साथ ही जिस कंपनी में आप नौकरी करते हैं वो रजिस्टर्ड होनी चाहिए। यह पॉलिसी व्यापार करने वालों के लिए लागू नहीं होती।
ऐसे मिलता है क्लेम
नौकरी चले जाने पर पॉलिसी धारक को बीमा कंपनी को सूचना देनी होती है साथ इसके साथ नौकरी ना होने का प्रमाण पत्र देना होता है। इसके अलावा अन्य कागजात भी देने होते हैं। सब सही पाए जाने पर क्लेम की रकम जारी होती है।
इन कारणों से नौकरी जाने पर नहीं मिलता फायदा
कुछ हालात या कारण ऐसे होते हैं जब नौकरी जाने पर इस बीमे का फायदा नहीं मिलता। इनमें से कुछ हैं खराब प्रदर्शन, बेईमानी, धोखाधड़ी आदि। साथ ही स्वैच्छिक रिटायरमेंट पर या अस्थायी कॉन्ट्रेक्ट वालों को भी इसका फायदा नहीं मिलता।
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