राजनांदगांव: कोविड-19 संक्रमण की विभीषिका से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन ने श्रमिकों को अत्यधिक प्रभावित किया। उनकी पीड़ा को महसूस कर शासन ने श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए जतन किए। देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूर अपने शहर एवं गांव आने लगे। छत्तीसगढ़ शासन ने अपने राज्यों के मजदूरों के साथ ही अन्य राज्यों के मजदूरों को भी उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाने में मदद की।
राजनांदगांव के बागनदी बार्डर में प्रवासी मजदूरों की अधिक संख्या में आवागमन को देखकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों को क्वारेन्टाइन सेंटर में रखने एवं उनके आवास की व्यवस्था के लिए शासन की ओर से सभी पंचायतों को 14वें वित्त से आवश्यक राशि के अलावा जिले को 25 लाख रूपए की राशि भी प्रदान की गई।
ग्रामीण क्षेत्र में 1765 क्वारेंटाईन सेंटर है, जिसमें कुल 15535 प्रवासी मजदूर है। जहां इनके आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था की जा रही है। लॉकडाउन अवधि में अब तक लगभग 3 लाख 5 हजार प्रवासी जिले के अंतर्राज्यीय बार्डर पर से प्रवेश कर चुके है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से अब तक कुल 959 प्रवासी मजदूर आ चुके है। विभिन्न राज्यों में फंसे 365 प्रवासी मजदूरों के खाते में 2 लाख 1 हजार रूपए ऑनलाईन ट्रांसफर करके सुविधा पहुंचाई गई है। बागनदी बार्डर से 15 मई 2020 से नि:शुल्क बस सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रतिदिन बसों की संख्या लगभग 100 है।
रैन बसेरा नगर निगम राजनांदगांव में अब तक 14500 प्रवासी मजदूर आए है। रैन बसेरा में 24 अप्रैल 2020 से बस सुविधा प्रदान की जा रही है। रैन बसेरा में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए 30 मार्च 2020 से निरंतर प्रवासी मजदूरों को भोजन व्यवस्था, स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा प्रदान की जा रही है। पेण्ड्री स्थित कोविड-19 हॉस्पिटल में 160 बेड पूर्ण रूप से ईलाज के लिए तैयार है।
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