खंडवा जिले के एक गांव आरुद में सोमवार को एक अजीबोगऱीब वाकया सामने आया जब मछली पकडऩे गए बच्चे ने तालाब में जाल फेंका तो मछली तो नहीं आई लेकिन पांच सौ और दो हजार के नोटों की गड्डी ज़रूर हाथ लग गई जो करीब 20 हजार रुपये की रकम के बराबर थी.
कोरोना संक्रमण के दौर में मिले नोटों की गड्डी भी लोगों को खुशी नहीं दे सकी, उल्टा गांव वालो की चिंता बढ़ा गई. पुलिस के लिए भी यह अब जांच का विषय है कि आखिर तालाब में ये नोट किसने और क्यों फेंके? इसके पहले कुछ दिन पहले इसी तरह खंडवा में सड़क पर पड़े पांच-पांच सौ के नोट दहशत बढ़ा चुके हैं.
खंडवा जिले की पंधाना तहसील के ग्राम आरुद में सोमवार को यह हैरान कर देने वाला वाकया सामने आया. सुबह सात बजे तालाब पर कालू मछुआरे का बेटा मछली पकडऩे गया तो उसके जाल में नोटों की गड्डियां फंस गई. वह इन भीगे हुए नोटों को घर पर सुखाने के लिए ले गया लेकिन उसके पिता को संदेह हुआ कि ये नोट नकली तो नहीं?
उसने गांव वालों को यह बात बताई तो उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पांच सौ और दो हज़ार के नोटों की गड्डी सैनिटाइज कर अपने कब्ज़े में ले ली.
दरअसल, इसके पहले एक और घटनाक्रम हुआ था कि सोमवार सुबह 6 बजे इसी तालाब के पास एक टवेरा कार आकर रुकी और उसमें से दो लोग निकले. दोनों एक पोटली तालाब में फेंककर चल दिए. इस घटना को गांव के ही युवक ऋषि कनाड़े ने देखा जो सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकला था.
उसने इसे सामान्य घटना समझकर अनदेखा किया लेकिन एक घंटे बाद जब वह लौटा तो यहां का नज़ारा बदला हुआ था. गांव के लोग जमा हो गए थे और इन नोटों की गड्डियों की चर्चा कर रहे थे. ये नोट तालाब के अलावा आसपास की झाडिय़ों में भी बिखरे हुए थे.
इस तरह पांच सौ और दो हजार के असली नोटों का मिलना लोगों के लिए ख़ुशी से ज़्यादा चिन्ता का सबब बन गया. इसके पहले खंडवा में भी पांच सौ रूपये के कुछ नोट सड़क पर मिले थे जिनसे कोरोना संक्रमण का ख़तरा होने का अंदेशा देख लोग घबरा गए थे.
Add Comment