
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रालय में सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी की कान्फ्रेंस शुरू हो चुकी है। बैठक में मुख्य सचिव सुनील कुज़ूर, अपर मुख्य सचिव सर्व के डी पी राव, अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं।
कॉन्फ्रेंस के पहले सत्र में राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य के सभी संभागों से आए कमिश्नर, जिले से आए कलेक्टर, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और नगर निगमों के आयुक्त भी उपस्थित हैं। कॉन्फ्रेंस में मुख्य 16 बिंदुओं सहित करीब 2 दर्जन बिन्दुओं की समीक्षा की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी योजना खेती और पशुपालन की मजबूती के लिए शुरू की गई है। मवेशियों के खुले में घूमने से खेती में दिक्कतें आ रही हैं। गौठान निर्माण और चारागाह विकास से यह समस्या दूर होगी। इस योजना से एक-दो साल में अच्छे परिणाम आएंगे।उन्होंने गौठान निर्माण के बारे में कहा कि यह धार्मिक नहीं आर्थिक कार्य है।
जहां गौठान बन गए हैं वहां पशुओं का आना शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोठान के लिए भूमि चयन में पूरी सावधानी बरतें। इस विषय में विवाद से बचें, कानून व्यवस्था की समस्या ना आए। गढ्ढा न हो ,छाया रहे। गोठान में सीमेंट कांक्रीट का उपयोग ना हो।
मुख्यमंत्री ने कहा छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना है, गांव की अर्थव्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन होगा। इस योजना में ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाएं। उनका अधिक से अधिक सहयोग लें। पैरादान चारादान निर्माण को प्रोत्साहित करें। नालों के जल का प्रवाह बरकरार रखते हुए जल संरक्षण का उपाय करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कंपोस्ट खाद के प्रमाणीकरण और विपणन की मानक व्यवस्था करें ताकि भविष्य में क्रय विक्रय में कोई अनियमितता न हो पाए।
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