दूसरे दिन भी अटकी कालीचरण की रिहाई… दास्तावेजों का पेंच फंसा, बाहर नहीं आ सके… समर्थक बोले- ये सब जानबूझकर किया जा रहा है…

रायपुर जेल में करीब 3 महीने से बंद महाराष्ट्र के कालीचरण की रिहाई दूसरे दिन भी मुमकिन नहीं हो पाई। रविवार शाम से ही रायपुर की कोर्ट के बाहर उनके समर्थक, भाजपा नेता, धार्मिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारी जमानत के ऑर्डर लेकर पहुंचे। मगर जेल प्रशासन ने महाराष्ट्र कोर्ट के किसी दस्तावेज को लेकर मामला अटका दिया। नियमों का हवाला देते हुए उन दस्तावेजों की डिमांड की गई और कालीचरण सेंट्रल जेल से बाहर नहीं आ पाए।
जेल परिसर के बाहर जमा हुए समर्थकों में शामिल भाजपा नेता और पेशे से वकील विश्वदिनी पांडे ने कहा कि ये हिंदू भावनाओं के अपमान की तरह है। जानबूझकर कालीचरण महाराज को छोड़ा नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन के पास मेल के जरिए कागज पहुंचा दिए गए हैं, मगर अब कुछ दस्तावेज स्पीड पोस्ट के जरिए महाराष्ट्र से मंगवाने की बात की जा रही है, ये ठीक नहीं है।
जेल परिसर के बाहर करीब 3 से 4 घंटे तक जमे रहे समर्थक बाहर जय श्री राम और ओम काली के नारे लगाते रहे। इससे पहले शनिवार को भी इसी तरह समर्थक और वकील कालीचरण की रिहाई के लिए पहुंचे थे मगर उन्हें नहीं छोड़ा गया। शुक्रवार को बिलासपुर हाईकोर्ट कालीचरण को जमानत दे चुकी है।
ये है पूरा मामला
कालीचरण ने 26 दिसंबर को रायपुर की धर्म संसद में कहा था 1947 में मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया। विवादित बयानों को देखकर पहले धारा 294, 505(2) के तहत मामला दर्ज हुआ था। अब धारा राजद्रोह के मामले में 153 A (1)(A), 153 B (1)(A), 295 A ,505(1)(B), 124A केस दर्ज है। उन्हें एमपी के छतरपुर से गिरफ्तार किया गया था।