नान घोटाले की फिर से जांच…भूपेश कैबिनेट में लगी मुहर…आबकारी विभाग के तत्कालीन 11 सदस्यीय दल की रिपोर्ट खारिज…मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव

रायपुर। मंत्रालय में हुई भूपेश कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिसमें नान घोटाले की फिर से जांच की बात पर मुहर लगी हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए तृतीय अनुपूरक अनुमान विधानसभा में पेश करने के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2018 का अनुमोदन किया गया।
प्रदेश की पांचवी विधानसभा के प्रथम सत्र माह जनवरी 2019 के लिए राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ शासन कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन करते हुए कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग का नाम कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किये जाने के लिए आज की बैठक में विधानसभा के आगामी सत्र में शासकीय संकल्प लाने का प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया। वर्तमान में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में उर्पाजन केन्द्रों में 75 लाख मीटरिक टन धान की आवक का अनुमानित लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे बढ़ाकर 85 लाख मीटरिक टन का अनुमानित लक्ष्य तय किया गया।
राज्य सरकार ने किसानों की कर्ज माफी और धान की कीमत प्रति क्विंटल 2500 रूपए करने का जो निर्णय लिया है, उसे देखते हुए सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों में धान की आवक बढऩे की संभावना है। इसे ध्यान में रखकर अनुमानित लक्ष्य को बढ़ाया गया है।
इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ को अतिरिक्त साख सीमा शासकीय प्रत्याभूति पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में आर्थिक अनियमिताओं की उच्च स्तरीय जांच के लिए विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) के गठन का निर्णय लिया गया।
यह टीम आई.जी. स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में काम करेगी। मंत्रिपरिषद ने शराब बंदी के बारे में आबकारी विभाग के तत्कालीन 11 सदस्यीय अध्ययन दल की रिपोर्ट को अव्यावहारिक मानते हुए खारिज करने और नया अध्ययन दल गठित करने का भी निर्णय लिया। उक्त जानकारी कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने दी।