छत्तीसगढ़: सूर्य ग्रहण के चलते मंदिर के पट रहे बंद…दोपहर 12 बजे मंदिर खुलते ही श्रद्धालुओं का लगा तांता…

रायपुर। खग्रास सूर्य ग्रहण लगने से संभाग मुख्यालय रायपुर के महामाया मंदिर, जगन्नाथ मंदिर टूरी हटरी/ सदर बाजर/गायत्री नगर, कालीमाता मंदिर आकाशवाणी/रायपुरा, शीतला मंदिर पुरानी बस्ती आमापारा, दंतेश्वरी मंदिर कुशालपुर, कंकाली मंदिर कंकाली पारा सहित शहर के सभी देवालयों में सूर्य ग्रहण के दौरान रात को सूतक लगने के कारण पट बंद रहे।
सूर्य ग्रहण की समाप्ति के उपरांत दोपहर 12 बजे मंदिरों के द्वार खुलते ही श्रद्धालुओं का तांता अपने इष्टदेव के दर्शन के लिए मंदिरों में लगा। श्रद्धालुओं ने कतार लगाकर भगवान के दर्शन किए।
हिंदू मान्यता है कि सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण लगने से सामाजिक कार्य नहीं किए जाते। जब-जब ग्रहण लग्र होता है, खाना-पीना से लेकर शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक दोष की स्थिति के अनुसार सूर्य ग्रहण में शुभ कार्य किए जाने पर सूतक दोष का प्रभाव पड़ता है।
भक्तों के द्वारा घर के बर्तनों की साफ सफाई कर नया पीने का पानी भरा जाता है। इसके बाद ही घर की महिलाओं द्वारा विधिवत भोजन तैयार किया जाता है। 296 वर्ष बाद पड़े पौष अमावस्या के अवसर पर संयोग ग्रहण के वैसे ही पड़े जैसे 17वीं सदी में पड़े थे।
ज्योतिष मान्यता के अनुसार आज के खग्रास सूर्यग्रहण के अलग-अलग राशियों के जातकों में अलग-अलग प्रभाव पड़े। जहां कुछ राशि के जातकों को ग्रहण पडऩे से फायदा होने की स्थिति बताई गई वहीं कुछ राशि के जातकों के लिए ग्रहण अशुभ कारक बताया गया।
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