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नए साल में टैक्सपेयर्स को मिलेगा तोहफा! टैक्स स्लैब में हो सकता है ये बड़ा बदलाव…

नई दिल्ली। नए साल में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कंजम्पशन बढ़ाने और आर्थिक ग्रोथ को फिर से पटरी पर लाने के लिए इनकम टैक्स (Income Tax 2019) से जुड़े कई प्रस्तावों पर विचार कर रही है।

अंग्रेजी के बिजनेस न्यूजपेप इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, एक फ्लैट टैक्स रेट रखने, ज्यादा आमदनी वालों के लिए नए स्लैब्स बनाने और कॉरपोरेट टैक्स में कमी की तर्ज पर पर्सनल इनकम टैक्स में कमी करने जैसे प्रस्तावों पर सरकार विचार किया जा रहा है।



टैक्स कटौती को लेकर सिफारिशें- डायरेक्ट टैक्स का समीक्षा करने के लिए बनाई गई कमिटी ने 10 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वालों के लिए 10 फीसदी पर्सनल इनकम टैक्स रेट रखने की सलाह दी है।

कमेटी के मुताबिक, 10 लाख से 20 लाख रुपये तक सालाना इनकम वालों पर 20 फीसदी , 20 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये तक सालाना इनकम वालों पर 30 फीसदी और 2 करोड़ रुपये से ज्यादा आमदनी वालों पर 35 फीसदी के टैक्स रेट की सलाह दी थी।



उसने मौजूदा इनकम टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट मे किसी बदलाव की सलाह नहीं दी थी। उसने अपर लिमिट पर इनकम पर लगने वाला सरचार्ज हटाने की सिफारिश भी की थी।

मौजूदा समय में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी टैक्स फ्री है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 5 फीसदी की दर से, 5-10 लाख रुपये तक की आमदनी पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है।

सरकार रिबेट्स क के जरिए लोअर एंड पर राहत देती रही है, लेकिन ये स्लैब्स कई वर्षों से जस के तस बने हुए हैं। 50 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आमदनी वालों को उनकी इनकम के आधार पर 10-37 फीसदी तक अतिरिक्त सरचार्ज देना होता है।
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टैक्सपेयर्स को मिल सकती है बड़ी राहत- मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सरकार कंजम्पशन बढ़ाने के लिए ऑप्शन पर काम कर रही है। इसमें पहला, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के जरिए सीधे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा दे दिया जाए या इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया जाए।

इसके अलावा इनकम टैक्स स्ट्रक्चर में किसी भी बदलाव से केवल उन 3 करोड़ लोगों को फायदा होगा जो इनकम टैक्स देते हैं।कंजम्पशन बढ़ाने के साथ यह भी देखना होगा कि बेनिफिट्स और सरकारी खजाने पर आने वाले बोझ में संतुलन रहे। उन्होंने कहा, वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर खर्च बढ़ाने से कई दूसरे सेक्टरों पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।



कंपनियों को मिल चुकी हैं टैक्स से राहत- सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स घटाने के रूप में 1.45 लाख करोड़ रुपये की राहत दी है, लेकिन इसे निवेश आकर्षित करने के इरादे से उठाया गया कदम माना जा रहा है।

इस कटौती के बाद पर्सनल इनकम टैक्स घटाने की मांग भी जोर पकड़ने लगी क्योंकि पिछले बजट में इस मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी गई थी। वहीं ज्यादा आमदनी वाले लोगों पर सरचार्ज के रूप में टैक्स बढ़ा था।

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