रायपुर। हडको ने 13 नवंबर 2019 को हुई अपनी 616 वीं बैठक में दूसरी तिमाही के परिणामों को अनुमोदन दिया और हडको ने अपनी परिणामों में शुद्ध लाभ, कुल आय, शुद्ध कारोबार, संवितरण और तुलन पत्र इत्यादि जैसे एमओयू लक्ष्यों के सभी वित्तीय मापदंडों में उल्लेखनीय वृद्धि प्राप्त की है ।
कंपनी का सकल एनपी और शुद्ध एनपी दोनों, वित्तीय क्षेत्र की सूचीबद्ध सरकारी कंपनियों में सबसे कम है । डॉ. एम. रविकांत, विगत पांच वर्षों से हडको के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हैं और उन्होंने सरकारी कंपनी के लिए अपेक्षित कार्य-अनुशासन और तत्परता पर ध्यान देते हुए हडको की प्रगति और विकास के लिए उत्कृष्ट परिणामों को हासिल किया है ।
2017 में कंपनी की इक्विटी का 10 प्रतिशत विनिवेश किया गया और सेबी नियमों के अनुसार शेष 15 प्रतिशथ विनिवेश 2020 से पहले किया जाएगा । हडको के विकास की प्रमुख उपलब्ध्यिां को अगर देखे तो हडको ने अपने शुद्ध लाभ में वित्तीय वर्ष 2019-20 की प्रथम तिमाही में कमाए गए 335.68 करोड़ रुपए की तुलना में वित्तीय वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में 725.84 करोड़ रुपए का अब तक का सर्वोच्च लाभ कमाते हुए 2.16 गुना की वृद्धि दर्ज की है ।
छमाही आधार पर, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 30 सितबर 18 तक के 615.52 करोड़ रुपए की तुलना में, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 30 सितंबर वर्ष 19 तक का शुद्ध लाभ 1061.52 करोड़ रुपए के साथ 72 प्रतिशत अधिक है ।
कुल आय में वित्तीय वर्ष 2019-20 की प्रथम तिमाही में अर्जित किए गए 1816.19 करोड़ रुपए की तुलना में वित्तीय वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में 2053.79 करोड़ रुपए की अब तक की सर्वोच्च आय अर्जित करते हुए 1.13 गुना की वृद्धि दर्ज की है।
छमाही आधार पर, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 30 सितंबर 18 तक के 273.10 करोड़ रुपए की तुलना में, वित्तीय वर्ष 201-20 में 30 सितंबर 2019 तक की कुल आय 386.8 करोड़ रुपए के साथ 39 प्रतिशत अधिक है ।
तुलन पत्र में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 30 सितंबर 2018 तक 48,343 करोड़ रुपए की तुलना में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 30 सितंबर 19 तक 75,000 करोड़ रुपए के साथ 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई ।
हडको के शुद्ध कारोबार में 31 मार्च, 2019 तक किए गए 10,56 करोड़ रुपए के कारोबार की तुलना में वित्तीय वर्ष 201-20 में 30 सितंबर तक 11980.14 करोड़ रुपए का कारोबार करते हुए 10 प्रतिशत की वृद्धि की है ।
ऋण संवितरण में वर्ष 2018-19 में 30 सितंबर तक 3503 करोड़ रुपए की तुलना में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 30 सितंबर तक 5311 करोड़ रुपए के साथ 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई और अब भारत में आवास एवं शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों के क्षेत्र में यह 1,71,554 करोड़ रुपए के संचयी संवितरण को पार कर रहा है।
हडको में गैर निष्पादित परिसंपत्तियां विगत वर्ष 2003 एवं 2006 के मध्य की हैं और 2018-19 में हडको टीम के अधक प्रयासों के कारण 800 करोड़ रुपए की वसूली की गई और इससे वित्तीय वर्ष 2019-20 में 30 सितंबर 2019 तक सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां घटकर 4.19 प्रतिशत और शुद्ध गैर निष्पादित परिसंपत्तियां घटकर 0.39 प्रतिशत हो गई, जो की क्षेत्र में सबसे कम है ।
वर्ष 2014 में डॉ. रविकांत के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभालने के बाद से गैर निष्पादित परिसंपत्तियों में एक भी रुपया नहीं बढ़ा है । यह सब राज्य सरकारों को सजग और नीतिगत रूप से ऋण देने के कारण हो पाया है ।
अपनी मजबूत ऋण नीति के कारण विगत पांच वर्षों के दौरान सर्वाधिक स्वीकृतियां, सर्वाधिक संवितरण, सर्वाधिक लाभ तथा सर्वाधिक शुद्ध कारोबार हुआ है। हालाँकि ऋण की पुनर्भुगतान क्षमता के संबंध में कई राज्य सरकारों की वित्तीय हालातों एवं विशेष परिस्थितियों के कारण बाजार में ऋण लेने की स्थिति असमान और प्रतिकूल थी ।
2014 में डॉ. रविकांत के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार संभालने के एक वर्ष के भीतर अर्थात् 2015 में 3 क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों से ‘ÓएएएÓÓ क्रेडिट रेटिंग प्राप्त हुई, और वे अपनी उसी कर्मठता, राजस्व सम्बन्धी विवेक और सक्रिय नेतृत्व से हडको का यह स्तर बनाए हुए है।
मई 2017 में हडको का आईपीओ 80 गुना अधिक सब्सक्राइब रहा और यह किसी सरकारी कंपनी के लिए अपने आप में अनूठा है, और अब 15 प्रतिशत विनिवेश बाकी है । वित्तीय वर्ष 2019-20 में हडको अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है और इसे भारत सरकार के सभी कार्यक्रमों और नीतियों को लागू करने और 8 मुख्य उद्देश्यों के लिए केन्द्रीय सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में, हाउसिंग एंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को वित्तपोषित करने के लिए 25 अप्रैल, 1970 को चौथी पंचवर्षीय योजना में सम्मिलित किया गया हैं।
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