ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है। बावजूद इसके एक लडक़ी को ड्राइविंग टेस्ट के लिए मना कर दिया जाता है, क्योंकि उसने जींस पहनी हुई थी।
चेन्नई के क्षेत्रिय ट्रांसपोर्ट ऑफिस ने बताया कि आरटीओ में अलग-अलग तरह के लोग आते हैं। ऐसे में किसी भी असुविधाजनक से बचने के लिए सभी को ये सलाह दी जाती है कि प्रॉपर ड्रेस कोड में आएं। लुंगी और शॉर्ट्स में आने वाले पुरुषों को भी सही तरीके से ड्रेसअप होकर आने के लिए कहा जाता है।
आगे ट्रांसपोर्ट अधिकारी ने कहा कि पुरुष हो या महिला, दोनों को प्रॉपर ड्रेस में आने के लिए बोला जाता है. यह कोई मॉरल पुलिसिंग नहीं है। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक यह लडक़ी एक सॉफ्टवेयर फर्म में काम करती थी, जो ड्राइविंग टेस्ट के लिए जींस और टॉप में आरटीओ ऑफिस गई थी, लेकिन प्रॉपर ड्रेस में आने को कहा गया। यह लडक़ी फिर अपने घर गई और चेंज करके वापस के.के नगर में मौजूद आरटीओ ऑफिस में आई।
आरटीओ ऑफिस के मुताबिक, इसी तरह एक और महिला डिसेंट ड्रेस और मुक्का पैंट्स या केप्री पहन पहने आरटीओ ऑफिस में आई थी. ये मामला नया नहीं साल 2018 का है. उस वक्त भी मीडिया में ये बात आई थी।
ऑफिसर ने कहा कि जो पुरुष शॉर्टस, लुंगी या बरमूडा में आते हैं उन्हें भी प्रॉपर ड्रेस पहनने के लिए वापस घर भेजा जाता है। आरटीओ अधिकारी ने आगे कहा, ड्राइविंग लाइसेंस सरकारी दफ्तर में इशू होता है.
और इस बात में गलत क्या है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आ रहे लोग वैसे ही तैयार होकर आएं जैसे वो अपने दफ्तर जाते हैं। आगे उन्होंने कहा कि यहां अलग-अलग तरीके के लोग आते हैं. कुछ भी पहनकर आने वाले लोगों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए।
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