अब इस बैंक में हुआ 11 हजार करोड़ का लोन घोटाला…पूर्व चेयरमैन समेत कई अधिकारियों पर मामला दर्ज…देशभर में 16 ठिकानों पर ACB का छापा…

जम्मू। जम्मू-कश्मीर बैंक (Jammu And Kashmir Bank) में सामने आई 1,100 करोड़ रुपये की कथित लोन धोखाधड़ी (Loan Fraud) के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उक्त राशि बैंक द्वारा राइस एक्सपोर्ट्स इंडिया (REI) एग्रो लिमिटेड को दी गई थी।
एसीबी के एक प्रवक्ता ने यहां एक बयान में कहा कि प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद, विभिन्न टीमों ने बैंक के पूर्व अध्यक्ष मुश्ताक अहमद शेख समेत 12 से अधिक आरोपी बैंक अधिकारियों के कश्मीर, जम्मू और दिल्ली स्थित घरों पर छापेमारी की। इनमें कश्मीर में 9, जम्मू में 4 और दिल्ली में 3 ठिकाने शामिल हैं।
आरईआई एग्रो पर छापेमारी जारी
उन्होंने कहा कि आरईआई एग्रो के अध्यक्ष संजय झुनझुनवाला और उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संदीप झुनझुनवाला के दिल्ली स्थित घरों में भी छापेमारी की गई। प्रवक्ता ने बताया कि मामले की जांच जारी है और तीन टीमें राष्ट्रीय राजधानी में छापेमारी कर रही हैं।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि बैंक की महिम मुंबई व अंसल प्लाजा नई दिल्ली शाखा के अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मैसर्स आरईआइ एग्रो लिमिटेड को वर्ष 2011 से 2013 के बीच 800 करोड़ रुपये का लोन दिया। यह लोन मंजूर करते समय बैंक द्वारा निर्धारित तमाम नियमों की अनदेखी की गई और बैंक खाता वर्ष 2014 में एनपीए हो गया।
कंपनी ने अपना मुख्यालय कोलकाता और कॉरपोरेटर आफिस दिल्ली में बताया और लोन के लिए मुंबई महिम शाखा से संपर्क किया, जबकि मुंबई में उसका कोई कार्यालय नहीं था। मिलीभगत से महिम मुंबई शाखा ने 550 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया। इसी तरह कंपनी ने बैंक की वसंत विहार अंसल प्लाजा शाखा से 139 करोड़ रुपये का लोन मंजूर करवाया।
जून में J&K बैंक के चेयरमैन परवेज़ अहमद हटाए गए
बता दें कि जून महीने में जम्मू-कश्मीर सरकार ने जम्मू एंड कश्मीर बैंक के चेयरमैन परवेज अहमद को हटा दिया था। अहमद को 2016 में बैंक का चेयरमैन बनाया गया था। परवेज अहमद को जम्मू-कश्मीर बैंक के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के तुरंत बाद राज्य के विजिलेंस ब्यूरो ने शनिवार को श्रीनगर में बैंक के मुख्यालय पर छापेमारी की।
अधिकारियों ने बताया कि विजिलेंस ब्यूरो करीब 1200 नियुक्तियों के रिकॉर्ड को देख रहा था। ये नियुक्तियां राज्य की पूर्ववर्ती पीडीपी- भाजपा सरकार के राजनीतिक आकाओं के कहने पर अहमद के कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर की गई थीं।
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